शहर में डेंगू का कहर, डीएमसी के आदेशों के बाद भी फागिग मशीन नहीं खरीद रहे अधिकारी

शहर में डेंगू का कहर लगातार जारी है। नगर परिषद अधिकारियों की लापरवाही के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 10:09 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 10:09 PM (IST)
शहर में डेंगू का कहर, डीएमसी के आदेशों के बाद भी फागिग मशीन नहीं खरीद रहे अधिकारी
शहर में डेंगू का कहर, डीएमसी के आदेशों के बाद भी फागिग मशीन नहीं खरीद रहे अधिकारी

कैथल : शहर में डेंगू का कहर लगातार जारी है। नगर परिषद अधिकारियों की लापरवाही के कारण शहर के लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के अनुसार डेंगू के करीब 182 केस सामने आ चुके हैं, लेकिन हकीकत में केसों की संख्या ज्यादा है। रोजाना दस से 15 मामले सामने आ रहे हैं। करीब दस दिन पहले जिला पालिका आयुक्त ने नगर परिषद अधिकारियों को शहर में फागिग अभियान तेज करने के लिए तीन नई मशीन खरीदने के निर्देश दिए थे। हैरत की बात है नप अधिकारियों ने डीएमसी के निर्देशों को भी नहीं माना है। नप अधिकारी कभी टेंडर लगाने का प्रयास कर रहे हैं तो कभी जैम पोर्टल से मशीन खरीदने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सफल नहीं हो पा रहे हैं। फिलहाल नगर परिषद के पास तीन मशीनें हैं। इनमें एक बड़ी मशीन और दो छोटी मशीन हैं। मशीनें पुरानी हो चुकी हैं, जिस कारण काम भी ठीक से नहीं करती हैं। शहर में 31 वार्ड हैं और कई वार्ड तो ऐसे हैं जहां नप कर्मचारी नहीं पहुंच पाए हैं। फागिग अभियान को तेज करने के लिए तीन नई मशीनें खरीदी जानी हैं। इनमें एक बड़ी मशीन और दो छोटी मशीनें हैं, लेकिन नप अधिकारियों की लापरवाही के कारण अभी तक भी मशीनें नहीं खरीदी जा सकी हैं।

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वार्डों में फागिग की मांग कर रहे लोग

शहर के लोग अपनी कालोनियों में फागिग करवाने की मांग को लेकर रोजाना नप कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। डेंगू के केस शहर के एरिया में काफी संख्या में आ रहे हैं। केस उन एरिया में मिल रहे हैं, जहां गंदे नालों की सफाई सुचारू रूप से नहीं हो पाई है। जहां केस मिल रहे हैं, वहां तो नप कर्मचारी फागिग कर रहे हैं, लेकिन जहां केस नहीं हैं वहां कर्मचारी नहीं पहुंच रहे हैं। हालांकि नप की तरफ से छह कर्मचारियों को फागिग के लिए लगाया हुआ है।

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जिला पालिका आयुक्त कुलधीर सिंह ने बताया कि नगर परिषद अधिकारियों को फागिग के लिए तीन मशीनें खरीदने के निर्देश दिए गए थे। मशीनें क्यों नहीं खरीदी गई, इसके बारे में नप अधिकारियों से जानकारी हासिल की जाएगी।

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