बरसात के मौसम के दौरान बच्चों में बीमारियां फैलने का खतरा ज्यादा : डा. अनिल अग्रवाल
कोरोना महामारी की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका है लेकिन इस स्थिति में अभिभावकों को भयभीत नहीं बल्कि जागरूक होने की जरूरत है। इसलिए वह अपने बच्चों से कोरोना को लेकर जारी सावधानियां जरूर बरताएं। इस समय मौसम बदलने के कारण हो रही बरसात के समय बच्चों को पानी से बीमारियां फैलने का खतरा अधिक रहता है।
कैथल : कोरोना महामारी की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका है, लेकिन इस स्थिति में अभिभावकों को भयभीत नहीं, बल्कि जागरूक होने की जरूरत है। इसलिए वह अपने बच्चों से कोरोना को लेकर जारी सावधानियां जरूर बरताएं। इस समय मौसम बदलने के कारण हो रही बरसात के समय बच्चों को पानी से बीमारियां फैलने का खतरा अधिक रहता है। बरसात के मौसम में बच्चों में डायरिया, वैक्टीरियल डायरिया, डेंगू और मलेरिया की बीमारी फैलने की संभावना रहती है। इसलिए हमें अपने घर या गली में जलभराव नहीं होने देना चाहिए। बरसात के बाद पानी निकासी का उचित प्रबंध होगा तो यह बीमारियां नहीं आएंगी। क्योंकि इस मौसम में अधिकतर बीमारियां मच्छरों काटने से होती है। इसलिए अभिभावकों को अपने बच्चों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। यह कहना है जिला नागरिक अस्पताल में कार्यरत बाल रोग विशेषज्ञ डा. अनिल अग्रवाल का।
सवाल : मौसम बदल रहा है, इस समय हो रही बरसात से बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?
जवाब : इस समय मौसम बदल रहा तो अभिभावकों को अपने बच्चों को बरसात के पानी में जाने से रोकना होगा। यदि गली में या घर के बाहर पानी खड़ा होता है तो उस पानी की निकासी करवा देनी चाहिए। क्योंकि इस मौसम में बरसात के पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से ही बीमारियां फैलती हैं।
सवाल : बरसात के कारण किस प्रकार की बीमारियां बच्चों में फैलती है?
जवाब : बरसात के कारण छोटे बच्चों में त्वचा से संबंधित रोग होने का अंदेशा अधिक रहता है। इसलिए बच्चों के अभिभावक बच्चों को पीने का पानी उबालकर दें। इसके अलावा इस मौसम में बच्चों में डायरिया, वैक्टीरियल डायरिया, डेंगू और मलेरिया की बीमारी फैलने की संभावना रहती है। इसलिए हमें सावधानियां बरतने की जरूरत है।
सवाल : कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों का स्वास्थ्य अधिक प्रभावित होने का अंदेशा, बचाव को लेकर क्या किया जाए़ ?
जवाब : कोरोना महामारी की तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका है, लेकिन इस स्थिति में अभिभावकों को भयभीत नहीं होना चाहिए। उन्हें स्वयं जागरूक होने की जरूरत है। हमें बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। बच्चे भी कोरोना को लेकर जारी सावधानियां जरूर बरतें। ऐसे में कोरोना से संक्रमित होने से बचा जा सकता है।
सवाल : छोटे बच्चों में खून की कमी संबंधित कई बीमारियां होने का भय रहता है, इससे बचाव को लेकर क्या करना चाहिए?
जवाब : शिशु के जन्म के बाद बच्चे को कम से कम दो साल तक मां का दूध ही दिया जाना चाहिए। वहीं, बच्चों में खून की कमी से संबंधित बीमारी किसी भी मौसम में हो सकती है। इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि वह मौसम अनुसार बच्चों को हरी सब्जियां दें। इसके अलावा दाल, चावल और चने का पानी व मीठे में चीनी की बजाय गुड दें।