उन्नत विचारों से ही होगा शिक्षा का विकास : कंवरपाल गुर्जर

महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय में निरंतर चल रहे संस्कृत प्रचार-प्रसार में चल रहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 समग्र चितन के संदर्भ में सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन समारोह का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 06:42 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 06:42 AM (IST)
उन्नत विचारों से ही होगा शिक्षा  का विकास : कंवरपाल गुर्जर
उन्नत विचारों से ही होगा शिक्षा का विकास : कंवरपाल गुर्जर

जागरण संवाददाता, कैथल: महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय में निरंतर चल रहे संस्कृत प्रचार-प्रसार में चल रहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 समग्र चितन के संदर्भ में सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हरियाणा संस्कृत अकादमी पंचकूला, संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान, संस्कृत भारती, भारतीय शिक्षण मंडल, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं विद्या भारती के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन हुआ। समापन कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि शिक्षा का विकास उन्नत विचार वाले व्यक्ति ही कर सकते हैं। सब दर्शन हिदुत्व के घटक हैं। देश की आजादी के बाद अंग्रेज भले ही भारत से चले गए, लेकिन अपनी अंग्रे•ाी यहीं छोड़ गए। आपकी इच्छाएं बढ़ेंगी तो आप दुखी होंगे। उन्होंने कहा इस शिक्षा नीति से स्कूल का विद्यार्थी छठी कक्षा से केवल पढ़ाई ही नहीं, अपितु हाथ की कला को भी सीखेगा। इस नीति के द्वारा हम जल्द ही विश्वगुरु की श्रेणी में होंगे।

विशिष्टातिथि विश्व हिदू परिषद के केंद्रीय मंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनोडी ने कहा कि विश्व में जब कहीं भी पढ़ाई का कोई साधन नहीं था, तब हमारे भारत में लगभग 70 गुरुकुल चलते थे। सम्मानित वक्ता के रुप में विद्या भारती उत्तरप्रदेश के महासचिव देशराज शर्मा और लाल बहादुर राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि हमारी संस्कृति सूख जाएगी, अगर संस्कृत का अध्ययन नहीं करवाया गया। वर्ष 2020 की शिक्षा नीति से 2040 तक गरीब व अमीर का बालक एक ही स्थान पर अध्ययन करेगा है, जिस प्रकार पहले हजारों वर्षों पूर्व गुरुकुलों में हुआ करती थी। कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डा.श्रेयांश द्विवेदी द्वारा की गई।

इस कार्यक्रम में देश के विद्वानों ने प्रतिदिन बढ़-चढ़ कर भाग ग्रहण किया और संस्कृत में ही अपने विचारों को प्रकट किया । यह कार्यक्रम फेसबुक पेज व यूट्यूब पर भी निरंतर चल रहा है। कार्यक्रम का संचालन ज्योतिषाचार्य डा.नवीन शर्मा ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो.राजेश्वर प्रसाद मिश्र, कुलपति के विशेष अधिकारी डा.जगत नारायण कौशिक, डा.शीतांशु त्रिपाठी, डा.विनय गोपाल त्रिपाठी, डा.रामानंद मिश्र मौजूद रहे।

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