बागड़ी लुहारों को एक माह से नहीं मिल रहा राशन

गांव किच्छाना के श्मशान घाट के नजदीक खाली पड़ी जमीन में रह रहे बागड़ी लुहारों को एक माह से राशन नहीं मिल रहा हैं। लॉकडाउन के दौरान गांव के सरपंच प्रतिनिधि व ग्रामीणों द्वारा कुछ समय तक राशन दिया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 09:38 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 09:38 AM (IST)
बागड़ी लुहारों को एक माह  से नहीं मिल रहा राशन
बागड़ी लुहारों को एक माह से नहीं मिल रहा राशन

संवाद सहयोगी, राजौंद:

गांव किच्छाना के श्मशान घाट के नजदीक खाली पड़ी जमीन में रह रहे बागड़ी लुहारों को एक माह से राशन नहीं मिल रहा हैं। लॉकडाउन के दौरान गांव के सरपंच प्रतिनिधि व ग्रामीणों द्वारा कुछ समय तक राशन दिया गया था। लेकिन पिछले एक माह से लगातार कोई भी आर्थिक मदद न मिलने से भूखे मरने के कगार पर है। विक्की, नंदू, साहिल, महेंद्र ने बताया कि लगभग 20 सदस्यों के 3 परिवार गांव किच्छाना में पिछले पांच माह से रह रहे हैं। सरपंच प्रतिनिधि व ग्रामीणों ने कुछ समय तक उनकी मदद की, लेकिन पिछले एक माह से उनके पास कई से भी राशन नहीं मिल रहा। उन्होंने बताया कि उनके पास आय का कोई साधन नहीं है। ऐसे में किस तरह अपने परिवार का पालन पोषण करें। उनके सामने इस समय भूखे मरने की नौबत आ गई है। उनका कहना है कि राशन कार्ड हैं जिससे वह किसी डिपो से अनाज ही ले लें और न ही सामाजिक संस्था उनकी मदद कर रही है। यह बागड़ी लुहार अपनी गाड़ियों से गांव-गांव जाकर कुछ खरीद बेच करके दो जून की रोटी का जुगाड़ कर लेते थे। लेकिन अब पिछले ढाई माह से चल रहे लॉकडाउन के दौरान इन्हें न तो इतनी संख्या में कहीं जाने दिया जाता है और न ही कोई आर्थिक मदद कर रहा है।

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