सार्वजनिक स्थानों पर लगाए ज्यादातर पौधे छायादार
वन विभाग की तरफ से सार्वजनिक स्थानों पर लगाए हुए छायादार पौधों की संख्या ज्यादा हैं। लेकिन फलदार पौधे की संख्या कम हैं।
जागरण संवाददाता, कैथल:
वन विभाग की तरफ से सार्वजनिक स्थानों पर लगाए हुए छायादार पौधों की संख्या ज्यादा हैं। लेकिन फलदार पौधे की संख्या कम हैं। सार्वजनिक पंचायतों व नहरों के पास, गुल्लर, पहाड़ी पापड़ी, अर्जुन, बेलपत्थर, आंवला, हरड़, सफेदा, सीरस, कदंब, बांस, शीशम इत्यादि के पौधे लगाए हुए हैं। दैनिक जागरण की टीम ने वीरवार को सड़कों का दौरा किया। इनमें पहले एनएच 65 की सड़क का दौरा किया, जिस पर शीशम, पहाड़ी पापड़ी, अर्जुन, सीरस, कदंब, बांस पौधों को की संख्या ज्यादा मिली।
वहीं नहरों के किनारे व जंगलों में आम, जामुन के फलदार पौधे लगाए हुए हैं। शीशम, पापड़ी, नीम, अर्जुन व सफेदा को सिचाई विभाग की जमीन जैसे नहर किनारे आदि, रेलवे लाइन किनारे, जंगल, सड़क किनारे, पंचायती जमीन आदि जगहों पर लगाया हुआ है।
कटीले तारों से हो रही है पौधों की देखभाल-
वन विभाग की तरफ से सड़कों के किनारे जो पौधे लगाए हुए हैं। उनके आस पास कंटीले तार लगाए हुए हैं। लिक मार्गों ट्री गार्ड भी नहीं है। बेसहारा पशुओं के खाने से पौधे सूख रहे है। पौधों की संख्या भी कम ही लिक मार्गों पर दिखाई दे रही है। शीशम व पापड़ी, नीम के पौधे रोपे हुए है। पीपल व बरगद की संख्या कम नहीं है।
मिट्टी के हिसाब से लगाए हुए है पौधे-
वन विभाग के उपमंडल अधिकारी राजीव ने बताया की मिट्टी के अनुकूलन ही पौधारोपण किया जाता है। जिस अनुसार मिट्टी मिलती है। उसी अनुसार फलदार व छायादार पौधों का रोपण किया जाता है। हर वर्ष वन विभाग की तरफ से पांच लाख पौधे फलदार और छायादार तैयार दिए जाते हैं। जोकि पर्यावरण को स्वस्थ रखते है। समय समय पर विभाग के द्वारा पौधों की स्थिति देखी जाती है। पौधे को पानी इत्यादि का प्रबंध विभाग की तरफ से किया जाता है।