पशुपालकों को नहीं मिल पा रहा पशु क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ
पशुपालकों को पशु क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। पशुपालकों को बैंक और विभाग कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे है। पशुपालकों का कहना है कि सरकार की तरफ से स्कीम तो शुरू कर दी है लेकिन सूचना के अभाव में योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
जागरण संवाददाता, कैथल:
पशुपालकों को पशु क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। पशुपालकों को बैंक और विभाग कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे है। पशुपालकों का कहना है कि सरकार की तरफ से स्कीम तो शुरू कर दी है, लेकिन सूचना के अभाव में योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। आवेदन जमा करवाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। कभी विभाग के कार्यालय में चक्कर लगाते है तो कभी बैंक जाना पड़ रहा है।
विभाग के कर्मचारियों की तरफ से स्पेशल कैंपों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। आवदेन जमा करवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। विभाग को पशुपालकों के लिए गांव स्तर पर कैंप, बैंक के कर्मचारियों को घर भेजकर योजना संबंधित कागज लेने चाहिए। ताकि पशुपालकों को इधर उधर नहीं भटकना पड़े।
गांव स्तर पर कैंप लगाए जाएं
कसान निवासी पशुपालक रामनिवास ने बताया कि क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए वह पांच दिनों से बैक व कार्यालय के चक्कर काट रहा है। लेकिन उसका आवेदन जमा नहीं हो रहा है। कार्यालय के कर्मचारी कागजों पर कभी कमी और कभी बैंक का कार्य बता रहे है। बैंक और कार्यालय के चक्कर काटकर परेशान हो गया हूं। इससे समय की बर्बादी हो रही है। विभाग की तरफ से गांव गांव में जाकर कैंप लगाने चाहिए। ताकि पशुपालको को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें योजना का लाभ मिले।
स्पेशल कर्मचारियों की तैनाती की जाए
सीवन निवासी पशुपालक रमेश ने बताया कि क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए दस दिन से चक्कर काट रहा है। पहले गांव के बैंक में जाता है। उसके बाद कार्यालय पहुंच रहा है। लेकिन विभाग के कर्मचारी कागजों पर ही चक्कर काट रहे है। पहले सुबह गांव के अस्पताल गया, उन्होंने कार्यालय भेजा हूं। काम यहां भी नहीं बन रहा है। सरकार की तरफ से स्पेशल कर्मचारियों की तैनाती करनी चाहिए। ताकि सभी को क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ मिल सके।
जगह जगह लगा रहे है कैंप: एसडीओ
एसडीओ वरूण कुमार ने बताया कि क्रेडिट कार्ड योजना के लिए गांव-गांव कैंप लगाए जा रहे है। वहीं पशुपालकों से आवेदन लिए जा रहे है। लोगों को सुविधा देने पूरा प्रयास किया जा रहा है। वहीं एक लाख के करीब जिले में पशुपालक गाय, भैंस, बकरी इत्यादि पशुओं का पालन करते है। इनमें से इस योजना के तहत 70 हजार पशुपालकों को लाभ दिया जाएगा।