धान की सरकारी खरीद शुरू न होने से खफा किसानों ने राज्यमंत्री के निवास का किया घेराव, मार्केट कमेटी कार्यालय को जड़ा ताला

मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू न होने से गुस्साए किसानों ने शनिवार को भी आंदोलन जारी रखा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 04:51 PM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 04:51 PM (IST)
धान की सरकारी खरीद शुरू न होने से खफा किसानों ने राज्यमंत्री के निवास का किया घेराव, मार्केट कमेटी कार्यालय को जड़ा ताला
धान की सरकारी खरीद शुरू न होने से खफा किसानों ने राज्यमंत्री के निवास का किया घेराव, मार्केट कमेटी कार्यालय को जड़ा ताला

जागरण संवाददाता, कैथल : मंडियों में धान की सरकारी खरीद शुरू न होने से गुस्साए किसानों ने शनिवार को भी आंदोलन जारी रखा। सुबह जहां नई अनाज मंडी स्थित मार्केट कमेटी कार्यालय को ताला जड़कर रोष जताया, वहीं दोपहर के समय रोष प्रदर्शन करते हुए महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के निवास पर पहुंचे। यहां पुलिस कर्मचारियों ने किसानों के काफिले को रोकने का प्रयास किया, लेकिन किसान बेरिकेड को हटाते हुए मंत्री निवास पर पहुंचे। यहां घेराव करते हुए धरना शुरू कर दिया। यहां पहले से ही धरने पर बैठी आंगनबाड़ी वर्करों ने भी किसानों के इस प्रदर्शन का समर्थन किया। किसानों ने कहा कि खेतों में धान की कटाई का कार्य चल रहा है, लेकिन सरकार ने पीआर धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू न करके 11 अक्टूबर को खरीद करने की बात कह रही है, इससे किसानों में काफी रोष है। फसल खेतों में पक कर तैयार है। ऐसे में किसान कब तक फसल कटाई का इंतजार करेगा। पहले तो 25 सितंबर से सरकारी खरीद की बात कही गई। इसके बाद एक अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया और अब 11 अक्टूबर तक इसे लेकर चले गए। सरकार की नीयत ठीक नहीं है। सरकार धान को सरकारी भाव पर खरीदना नहीं चाहती। सरकार चाहती है कि किसान प्राइवेट ही बेचें, जो किसान ऐसा नहीं होने देंगे। उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द सरकारी खरीद शुरू करें ताकि किसानों को परेशानी न आए। किसानों के साथ हो रहा धोखा : होशियार गिल

भारतीय किसान यूनियन चढूनी गुट के जिला प्रधान होशियार गिल, महावीर सिंह, सुरजीत बैनीवाल, भरत सिंह बैनीवाल, सतपाल दिल्लोंवाली, महेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। बारिश के चलते एक तो पहले ही किसान नुकसान में हैं, अब सरकार पीआर धान की सरकारी खरीद शुरू न करके किसानों को परेशान कर रही है। किसान अपनी धान की फसल लेकर कहां जाएंगे। पिछले सप्ताह बरसात थी, अब मौसम साफ हुआ है। किसान एक अक्टूबर का इंतजार कर रहे थे, लेकिन सरकार ने खरीद का समय आगे बढ़ा दिया। किसान मंडियों में अपना धान लेकर बैठे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान दें, नहीं तो प्रदर्शन जारी रहेगा।

मंडियों में पड़ा है 20 हजार क्विंटल पीआर धान

सरकारी खरीद शुरू न होने पर किसानों में रोष है। नई अनाज मंडी, पुरानी अनाज मंडी व अतिरिक्त अनाज मंडी में करीब 20 हजार क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। मौसम खराब हुआ तो किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकारी भाव 1960 रुपये प्रति क्विंटल है। प्राइवेट खरीद पर 1700 से 1800 रुपये बिक रहा है, लेकिन किसान पीआर धान को प्राइवेट बेचना नहीं चाहते, इसलिए सरकारी खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। सरकारी खरीद का कार्य एक अक्टूबर से शुरू होना था, जो सरकार ने इसे बढ़ाकर 11 अक्टूबर कर दिया है। हालांकि 1509 धान की खरीद का कार्य मंडियों में चल रहा है। 2800 रुपये से लेकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव किसानों को मिल रहे हैं। सुबह से ही राज्यमंत्री ढांडा व विधायक लीलाराम के निवास पर पहुंच गया प्रशासनिक अमला

किसानों ने शुक्रवार को मार्केट कमेटी कार्यालय पर ताला जड़ने के बाद घोषणा करते हुए कहा था कि शनिवार को राज्यमंत्री व विधायक के निवास का घेराव करेंगे। सुबह ही एसडीएम डा. संजय कुमार व डीएसपी कुलवंत सिंह पुलिस बल के साथ राज्यमंत्री के निवास पर पहुंचे। भारी पुलिस बल यहां तैनात कर दिया गया। इसी तरह से विधायक लीला राम के निवास पर भी पुलिस बल मौजूद रहा। किसानों के विरोध को देखते हुए शनिवार सुबह ही राज्यमंत्री यहां से चंडीगढ़ चली गई थी।

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