आंगनबाड़ी वर्करों ने सरकार के खिलाफ की नारेबाजी, जाम हुआ शहर
आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन की सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा के निवास पर धरना दिया। प्रदर्शन की अध्यक्षता राज्य प्रधान कुंज भट्ट ने की।
जागरण संवाददाता, कैथल:
आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन की सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा के निवास पर धरना दिया। प्रदर्शन की अध्यक्षता राज्य प्रधान कुंज भट्ट ने की। मंच संचालन महासचिव अनुपमा ने किया। प्रदर्शन से पहले हजारों की संख्या में आंगनबाड़ी वर्कर जवाहर पार्क में एकत्रित हुई। उसके बाद पिहोवा चौक पर नारेबाजी की। नारेबाजी के कारण लंबा जाम भी लग गया। वर्करों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कई खंड ऐसे हैं, जहां पिछले पांच महीनों से हमें मानदेय नहीं दिया गया। 2018 में सरकार ने आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियनों से समझौता किया था। कोरोना संकट को देखते हुए सांकेतिक धरना शुरू करना पड़ा। विभाग की उच्च अधिकारियों से बातचीत करवा कर हल नहीं निकाला जाता। इस मौके पर कमला दयौरा जिला प्रधान कैथल, मनप्रीत कौर सिरसा, मूर्ति भिवानी, परमजीत कौर कुरुक्षेत्र, उर्मिला व अंग्रेजो यमुनानगर, प्रदीप कौर दयावंती जींद, मनरेगा मजदूर यूनियन से जोगिद्र सिंह, निर्माण कार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन से कुलदीप उपस्थित थे।
ये है प्रमुख मांग-
आंगनबाड़ी वर्कर को तीस हजार रुपये तथा हेल्पर को 25 हजार रुपये न्यूनतम वेतन दिया जाए, रिटायर होने पर एकमुश्त राशि व न्यूनतम 15 हजार रुपये पेंशन मिलनी चाहिए, जिला कैथल के ब्लाक कैथल व पूंडरी सहित प्रदेश के सभी जिलों का पिछले महीनों के बकाया मानदेय का जल्द से जल्द दिया जाए। मानदेय प्रत्येक मास की सात तारीख को दिया जाना अनिवार्य किया जाए। भारत सरकार द्वारा सितंबर 2018 में आंगनबाड़ी वर्कर के मानदेय में1500 रूपये व हेल्पर के मानदेय में 750 की बढ़ोतरी की थी, घोषणा के मुताबिक बढ़ा हुआ मानदेय तुरंत हमारे खातों में डाला जाए। अतिरिक्त केंद्र का चार्ज संभालने वाली वर्कर को अतिरिक्त कार्य करने के लिए मानदेय का 50 प्रतिशत राशि अतिरिक्त दी जाए।