खंडहर में तबदील हुआ खरक पांडवा गांव का आंगनबाड़ी केंद्र भवन
गांव खरक पांडवा में बच्चों के समग्र विकास के लिए निर्मित आंगनबाड़ी भवन खंडहर बनकर रह गया है। वर्ष 2013 में भवन का निर्माण किया गया था। ग्रामीणों के अनुसार कुछ समय के बाद ही आंगनबाड़ी केंद्र भवन के फर्श दीवारें और दूसरे निर्माण धंसने लगे।
संवाद सहयोगी, कलायत : गांव खरक पांडवा में बच्चों के समग्र विकास के लिए निर्मित आंगनबाड़ी भवन खंडहर बनकर रह गया है। वर्ष 2013 में भवन का निर्माण किया गया था। ग्रामीणों के अनुसार कुछ समय के बाद ही आंगनबाड़ी केंद्र भवन के फर्श, दीवारें और दूसरे निर्माण धंसने लगे। बच्चों और महिलाओं के जीवन की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंगनबाड़ी केंद्र को अन्य स्थान पर तबदील करने में ही भलाई समझी। कार्यकर्ता नहीं चाहती थी कि किसी तरह का हादसा यहां घटित हो। ग्रामीणों के अनुसार वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्र भवन पशुओं का तबेला और उपलों का भंडार गृह बनकर रह गया है। समाजसेवी रोहताश खरक, कृष्ण, कुलदीप सिंह, अमन, साहिल, पाला राम, सुनील, सुखबीर का कहना है कि जब आंगनबाड़ी भवन किसी उपयोग का नहीं तो इस पर राशि किस मकसद से व्यय की गई। निर्माण के कुछ समय के बाद ही भवन का खंडहर में तबदील होना अधिकारियों की लापरवाही उजागर करता है। ग्रामीणों ने इस मकसद से आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जमीन उपलब्ध करवाई थी कि महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं का लाभ सुचारू रूप से महिलाओं और बच्चों को मिलेगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा।
अधिकारियों को समस्या से कराया जा चुका अवगत
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अंजू देवी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र भवन की नाजुक स्थिति के कारण वर्तमान में संबंधित केंद्र डा. भीमराव आंबेडकर भवन के पास स्थापित है। यहां महिला और बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान है। सरकारी भवन की स्थिति बारे संबंधित अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है।