गेहूं के फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर कृषि विभाग की रहेगी निगरानी, कमेटी गठित

गेहूं के फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की अब खैर नहीं है। जिला कृषि विभाग की तरफ से स्पेशल टीम गठित कर दी है। यह टीम गांव- गांव जाकर खेतों का निरीक्षण करेगी। अगर कोई आग का मामला सामने आता है तो आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ कानून कार्रवाई करेगी। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार फसल अवशेष न जलाकर पर्यावरण संरक्षण को बचाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 06:58 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 06:58 AM (IST)
गेहूं के फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर  कृषि विभाग की रहेगी निगरानी, कमेटी गठित
गेहूं के फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर कृषि विभाग की रहेगी निगरानी, कमेटी गठित

जागरण संवाददाता, कैथल :

गेहूं के फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की अब खैर नहीं है। जिला कृषि विभाग की तरफ से स्पेशल टीम गठित कर दी है। यह टीम गांव- गांव जाकर खेतों का निरीक्षण करेगी। अगर कोई आग का मामला सामने आता है, तो आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ कानून कार्रवाई करेगी। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, फसल अवशेष न जलाकर पर्यावरण संरक्षण को बचाया जा सकता है। वायु प्रदूषण होता है, जिससे श्वास संबंधी रोग बढ़ने का खतरा रहता है।

ये होंगे कमेटी के सदस्य-

आग की घटनाओं को जिला प्रशासन के तहसीलदार, पटवारी व कृषि विभाग के उपनिदेशक, एसडीओ, एडीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो खेतों में आग की घटनाओं पर नजर बनाएं रखेंगे। टीम के द्वारा किसानों पर जुर्माना भी किया जाएगा। किसानों को फसल अवशेष न जलाने के बारे में जागरूक भी किया जाएगा।

ये कर सकते हैं किसान-

कृषि विभाग के एसडीओ सतीश नारा ने बताया कि फसलों के अवशेष को हल से मिट्टी में मिला दें, जिससे कार्बनिक क्षमता बढ़ेगी। गेहूं के अवशेषों को स्ट्रा रीपर से भूसा बनाकर अपने पशुओं के लिए भंडारण कर सकते है। खेतों में अवशेषों को मिलाकर खाद के रूप में प्रयोग कर सकते है। इससे जमीन की उर्वरता शक्ति अच्छी रहेगी। खेतों में पैदावार बढ़ेगी।

कमेटी गठित कर दी गई

जिला प्रशासन के सहयोग से कमेटी गठित कर दी गई है। यह कमेटी आग की घटनाओं पर विशेषकर नजर रखी जाएगी। खेत में आग लगाने से जमीन के सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते है। फसल अवशेष का प्रबंधन कर किसानों को पर्यावरण प्रदूषण होने से बचाना चाहिए। विभाग की तरफ से फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए मशीनें सब्सिडी पर दी हुई है। उनका किसान प्रयोग कर सकते है। आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ कानून कार्रवाई की जाएगी।

कर्मचंद, कृषि उपनिदेशक कैथल।

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