गांव खडालवा के सरकारी स्कूल में चार वर्ष बाद दहलीज पर पड़े बेटियों के कदम
कलायत के गांव खडालवा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बेटियों के दाखिले को तरस गया था। 2014 के बाद स्कूल में किसी भी छात्रा ने दाखिला नहीं लिया था। स्कूल स्टाफ को यह बात चुबने लगी थी। 2019 सत्र शुरु होते ही शिक्षकों ने विशेष अभियान चलाया तो परिणाम भी सामने आने लगे। चार वर्ष बाद नौ बेटियों के कदम जैसे ही स्कूल की दहलीज पर पड़े तो अध्यापकों ने लड्डू बांटकर खुशी मनाई।
संवाद सहयोगी, कलायत : कलायत के गांव खडालवा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बेटियों के दाखिले को तरस गया था। 2014 के बाद स्कूल में किसी भी छात्रा ने दाखिला नहीं लिया था। स्कूल स्टाफ को यह बात चुबने लगी थी। 2019 सत्र शुरु होते ही शिक्षकों ने विशेष अभियान चलाया तो परिणाम भी सामने आने लगे। चार वर्ष बाद नौ बेटियों के कदम जैसे ही स्कूल की दहलीज पर पड़े तो अध्यापकों ने लड्डू बांटकर खुशी मनाई। ग्रामीणों का कहना है कि गांव से दूर शहरी क्षेत्र में बेटियों को शिक्षा दिलाने में समय और धन अधिक खर्च होता था, लेकिन अब गांव में भी शिक्षा को लेकर माहौल बदला है और शिक्षकों ने अभियान चलाकर बेटियों के लिए हर सुविधा देने का वादा किया है। स्कूल इंचार्ज ईश्वर सिंह, अध्यापक राजेंद्र, सर्वजीत, विनोद, गोवर्धन, गुरदीप सिंह ने बताया कि चार साल से किसी छात्रा ने दाखिला नहीं लिया। वे पहले भी प्रयास करते रहे हैं, लेकिन इस बार सुनियोजित तरीके से ग्रामीणों से संपर्क किया और उन्हें भरोसे में लेकर छात्राओं का दाखिला करवाया। वे सहयोग और भरोसे के लिए ग्रामीणों का भी आभार व्यक्त किया।