कपिलमुनि तीर्थ के जीर्णोद्धार पर खर्च होंगे 19 लाख रुपये

कैथल कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परीधि में आने वाले प्राचीन तीर्थो के जीर्णोद्धार को लेकर सरकार काम कर रही है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से गांव कौल स्थित कपिल मुनि तीर्थ के लिए 19 लाख रुपये की राशि खर्च की है। इस राशि से तीर्थ के जीर्णोद्धार का कार्य किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 06:52 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 06:52 AM (IST)
कपिलमुनि तीर्थ के जीर्णोद्धार पर खर्च होंगे 19 लाख रुपये
कपिलमुनि तीर्थ के जीर्णोद्धार पर खर्च होंगे 19 लाख रुपये

जागरण संवाददाता, कैथल : कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परीधि में आने वाले प्राचीन तीर्थो के जीर्णोद्धार को लेकर सरकार काम कर रही है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से गांव कौल स्थित कपिल मुनि तीर्थ के लिए 19 लाख रुपये की राशि खर्च की है। इस राशि से तीर्थ के जीर्णोद्धार का कार्य किया जाएगा। तीर्थ के प्राचीन तालाब की सीढि़यों पर पत्थर लगाया जाएगा ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी ना उठानी पड़े। तीर्थ सुधार सभा कौल के प्रधान कृष्ण कुमार ने बताया कि पुराने समय में इस तीर्थ पर मकर संक्रांति के दिन मेले का भी आयोजन होता था। अब फिर पिछले चार वर्षों से शुरू हो चुका है। तीर्थ के जीर्णोद्धार को लेकर लंबे समय से सरकार से बजट की मांग की जा रही थी। अब राशि जारी हो चुकी है, जिसे तीर्थ पर ही खर्च किया जाएगा। तीर्थ के पास ही राधा-कृष्ण मंदिर है जो बहुत पुराना है। इसका गुंबद बहुत विशाल है, जिसे क्षतिग्रस्त होने से गांव की कमेटी ने बचाया हुआ है। इस मंदिर में हस्तकला चित्र मौजूद हैं जो कि कई सौ वर्ष पुराने हैं।

प्राचीन है कपिल मुनी तीर्थ

आस्था और श्रद्धा का प्रतीक कपिल मुनि तीर्थ गांव कौल के बीच में स्थित है। यह तीर्थ कितना पुराना है, इसका अनुमान लगाना संभव नहीं है। भारत वर्ष में कपिल मुनि तीर्थ मुख्य रूप से तीन स्थानों पर पाया जाता है। कैथल जिले के गांव कौल के बीच कपिल मुनि तीर्थ बना हुआ है। गांव कौल का नाम पहले समय में कपिल ग्राम ही था। जो कपिल मुनि का संकेत है, बाद में यह कपिल से कौल पड़ा। यह तीर्थ तीन तरफ से छोटी ईटों का बना हुआ है और चौथी तरफ विशाल पुल है। यह गांव के एक तरफ से दूसरी तरफ जाने का रास्ता भी है। यह तीर्थ क्षेत्रफल में छोटी ईटों से बना हुआ भारत वर्ष में सबसे बड़ा तीर्थ है। इस तीर्थ के एक तरफ राधा-कृष्ण मंदिर है तो दूसरी तरफ शिवाला और साथ में हनुमान मंदिर भी है। वहीं एक तरफ कुलतारण तीर्थ और अनेक संत-महापुरूषों के आश्रम और कई समाधि मौजूद हैं।

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