पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों पर होगी कार्रवाई, सीधे एनजीटी को जाएगी नियमित रिपोर्ट

प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) सख्त हो गया है। जिला प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि स्थानीय स्तर पर निगरानी कमेटी का गठन किया जाए और जो भी पर्यावरण जल और ध्वनि प्रदूषण करता है उसकी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जाए। नियमित रूप से यह रिपोर्ट जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:02 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:02 AM (IST)
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों पर होगी कार्रवाई, सीधे एनजीटी को जाएगी नियमित रिपोर्ट
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों पर होगी कार्रवाई, सीधे एनजीटी को जाएगी नियमित रिपोर्ट

कैथल (वि) : प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) सख्त हो गया है। जिला प्रशासन को आदेश दिए गए हैं कि स्थानीय स्तर पर निगरानी कमेटी का गठन किया जाए और जो भी पर्यावरण, जल और ध्वनि प्रदूषण करता है, उसकी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जाए। नियमित रूप से यह रिपोर्ट जाएगी।

शुक्रवार को एनजीटी मानिटरिग कमेटी के चेयरमैन पूर्व न्यायाधीश प्रीतम पाल सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति में व गुरु नानक देव जी ने भी कहा है कि धरती हमारी माता है। पानी को पिता समान का दर्जा और वायु को गुरु का दर्जा हासिल है। ऐसे में पर्यावरण की रक्षा करें और आमजन को जागरूक करें। शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था हो और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होते हुए कार्य करें व सतर्क रहें। वह लघु सचिवालय स्थित ईवीएम सभागार में हुई जिला पर्यावरण परियोजना की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।

उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। कहा कि अधिकारी अपनी ड्यूटी को संवेदनशीलता और ईमानदारी से निभाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखने और प्रदूषण को नियंत्रित करने में प्रभावी भूमिका अदा कर सकते हैं। बैठक में वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, पराली जलाने के मामले, कारखानों से निकलने वाले गंदे पानी के प्रबंधन, घरेलू सीवरेज प्रबंधन, बायोमेडिकल वेस्ट, ई-वेस्ट, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन व लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में डीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि परियोजना के तहत प्रशासन द्वारा कार्य किए जा रहे हैं। वाटर हार्वेस्टिग, सोक पिट, पौधारोपण के कार्य व आईईसी एक्टिविटी नियमित तौर पर चल रही हैं। संबंधित विभाग को समय-समय पर शहर की साफ-सफाई की व्यवस्था व कालोनियों के ठोस व तरल कचरा प्रबंधन, पराली ना जलाने के लिए किसानों को जागरुक करने का कार्य व उसका उचित प्रबंध भी प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। इस मौके पर सीटीएम अमित कुमार, डीएमसी समवर्तक सिंह, डीडीपीओ जसविद्र सिंह, डीडीए डा.कर्मचंद, आरटीए सत्यवान सिंह मान, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी सोनिया, डीआइओ दीपक खुराना आदि संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

पर्यावरण प्रदूषण के मामलों को गंभीरता से लें : डा. उर्वशी

आनलाइन माध्यम से बैठक में एनजीटी के निगरानी कमेटी की सदस्य डा.उर्वशी गुलाटी ने कहा कि प्रशासन कार्यो में तेजी लाते हुए जिला स्तर पर मामले से संबंधित निगरानी कमेटी बनाई जाए व समय-समय पर परियोजना की समीक्षा की जाए। कमेटी के पर्यावरण मामलों के विशेषज्ञ डा. बाबूराम ने हर बिदू पर संबंधित अधिकारी से जवाब मांगा व निर्देश दिए कि मामलों को गंभीरता से लेते हुए कार्य करें।

ध्वनि प्रदूषण पर 106 चालान किए गए : डीएसपी दलीप

ध्वनि प्रदूषण के मामले में जवाब देते हुए डीएसपी दलीप कुमार ने बताया कि प्रेशर हार्न के 106 चालान किए गए हैं, जबकि प्रेशर हार्न, साइलेंट जोन व रेजिडेंशियल इलाके में लाउडस्पीकर के कुल मिलाकर 564 चालान किए गए है। पुलिस विभाग द्वारा आमजन को जागरूक करने के लिए अभियान भी समय-समय पर चलाया जाता है। डा.बाबूराम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाएं, जो पर्यावरण संरक्षण के कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं।

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