जिला परिषद उप प्रधान ने कैटल शेड बनाने और मनरेगा में भ्रष्टाचार के लगाए आरोप

कहा अधिकारी कर रहे मनमानी पात्र परिवारों के नहीं बना रहे कैटल शेड

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:25 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:25 AM (IST)
जिला परिषद उप प्रधान ने कैटल शेड बनाने और मनरेगा में भ्रष्टाचार के लगाए आरोप
जिला परिषद उप प्रधान ने कैटल शेड बनाने और मनरेगा में भ्रष्टाचार के लगाए आरोप

कहा, अधिकारी कर रहे मनमानी, पात्र परिवारों के नहीं बना रहे कैटल शेड

सीएम व डिप्टी सीएम से की जांच की मांग, अगले सप्ताह बैठेंगे धरने पर जागरण संवाददाता, जींद : जिला परिषद उप प्रधान एवं जेजेपी नेता उमेद सिंह रेढू ने अधिकारियों पर कैटल शेड बनाने और मनरेगा के कामों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सीएम और डिप्टी सीएम से पूरे मामले की जांच की भी मांग की है। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उमेद रेढू ने कहा कि अधिकारी योजनाओं को लेकर गुमराह कर रहे हैं। कह रहे हैं कि सामान्य श्रेणी वालों के योजना में कैटल शेड बनाने का प्रावधान नहीं है। जबकि सरकार के निर्देशानुसार योजना का लाभ उन पशुपालकों को मिलेगा, जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है। वहीं बीपीएल पात्र भी इसका लाभ पा सकते हैं। कई पात्र परिवारों के शेड बनाने के लिए अधिकारियों को वे खुद नाम दे चुके हैं। जिसमें सामान्य श्रेणी के साथ-साथ अनुसूचित जाति के पात्र परिवारों के भी नाम शामिल हैं। लेकिन किसी के भी शेड नहीं बनाए गए। उन्होंने एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर पात्र परिवारों के कैटल शेड बनाने का काम सुचारू रूप से शुरू नहीं हुआ, तो वह अपने पार्षद साथियों के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे। उन्होंने मनरेगा के तहत हुए पिछले पांच साल के कामों की जांच की भी मांग करते हुए कहा कि जांच होने पर इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है। उनके गांव में तालाब की खोदाई मनरेगा के तहत कराई गई थी। जिसमें उनके गांव के बजाय गांवों के मजदूरों को काम दिया गया। जबकि उनके गांव में जिन लोगों के जॉब कार्ड बने हैं, उन्हें काम ही नहीं दिया जा रहा। जबकि जॉब कार्ड पर सालभर में 100 दिन काम देना जरूरी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ पार्षद विकास बूराडहर भी मौजूद रहे। इस योजना में एससी, दिव्यांग और बीपीएल पात्र परिवार को प्राथमिकता है। अगर ये नहीं मिलते, तो बाकी श्रेणी में गरीब आदमी को योजना का लाभ दिया जा सकता है। जिले में 2904 कैटल शेड बनाने का लक्ष्य है। 206 कैटल शेड बनाने की मंजूरी दी जा चुकी है। उनमें से 30 बन चुके हैं और 93 कैटल शेड बनाने का काम जारी है। मनरेगा के तहत गांव में काम सरपंच को देना होता है।

दलबीर सिंह, सीईओ, जिला परिषद जींद।

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