गलत कार्यों का नतीजा गलत ही होता है: मुनि राकेश

रामराय गेट स्थित जैन स्थानक मुनि राकेश ने प्रवचन सभा में कहा कि हर कार्य हमें अपने नतीजे के बारे में सूचना दे देता है। भले ही वह कार्य अछे हो या बुरे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 06:40 AM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 06:40 AM (IST)
गलत कार्यों का नतीजा गलत ही होता है: मुनि राकेश
गलत कार्यों का नतीजा गलत ही होता है: मुनि राकेश

जागरण संवाददाता, जींद : रामराय गेट स्थित जैन स्थानक मुनि राकेश ने प्रवचन सभा में कहा कि हर कार्य हमें अपने नतीजे के बारे में सूचना दे देता है। भले ही वह कार्य अच्छे हो या बुरे। पूरी तरह आध्यात्मिक चर्चा करें तो अशुभ कार्य हमें नरक में ले जाते हैं और शुभ कार्य हमें स्वर्ग में ले जाते हैं। हम लोग इतनी गहराई में नहीं जीते। हम सभी सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन जीने के अभ्यासी हैं और अक्सर सामाजिक और पारिवारिक वातावरण में रहते हुए गलत प्रवृतियां सक्रिय हो जाती हैं। हैदराबाद आदि की घटनाएं हमें ही नहीं, पूरे देश को शर्मसार करती हैं। क्यों होती है ऐसी घटनाएं, कौन जिम्मेदार है ऐसी घटनाओं का? इन प्रश्नों के उत्तर भारत जैसे देश में खोजने से भी नहीं मिल रहे। सब अपनी-अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। पुलिस कहती है मां-बाप का कर्तव्य है कि बच्चे कहां जा रहे हैं और मां-बाप कहते हैं प्रशासन सुस्त है। इस तरह आरोप-प्रत्यारोप से कभी भी किसी भी समस्या से निजात नहीं पाएंगे। पहले हम अपने कर्तव्य को समझें। इस अवसर पर प्रधान सुरेश जैन, विनोद जैन, रजनीश जैन, हरीश जैन, सतीश जैन, डीआर जैन, प्रकाश जैन, विनय जैन, मनोज जैन, राममूल जैन, रामकला जैन और विशेष रूप से लालवण परिवार के लोग उपस्थित रहे।

दुख देंगे तो अगले जन्म में भुगतेंगे

मुनि श्री ने मृगालोठा का वर्णन किया। मृगालोठा भले ही राजा के घर जन्म हुआ। मगर उसे अच्छी प्रकार से शरीर एवं अन्य अंग नहीं मिले। यहां तक शरीर के अन्दर पाचन तंत्र इतना कमजोर मिला कि खाते ही दोबारा बाहर आ जाता। भगवान महावीर से गौतम स्वामी जी ने पूछा भगवान इसको ऐसा शरीर क्यों मिला। तब भगवान महावीर ने फरमाया कि गौतम ये पिछले जन्म में कूट राजनीतिक था। हिसक मनोवृति से भरा था। मानवता इत्यादि में इसका विश्वास नहीं था। लड़ने लड़ाने में हमेशा आगे रहता था। बड़ा क्रूर राजा था। इसके राज में कोई भी स्त्री पुरुष खुश नहीं था। इस कारण इसे अब ऐसा जन्म मिला है पिछले जन्म में दिये दु:खो का फल अब भोग रहा है। हे गौतम आदमी को कर्म देखकर करने चाहिए। अच्छे कर्म करोगे तो अच्छा फल मिलेगा।

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