सेवा का जज्बा, बिना छुट्टी लिए एंबुलेंस पर ड्यूटी दे रहे सुरेंद्र

कोरोना महामारी में एंबुलेंस चालक फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर काम कर रहे हैं। एंबुलेंस चालक लोहचब गांव के सुरेंद्र पिछले एक साल से कोरोना मरीजों को घर से अस्पताल पहुंचाने में लगे हुए हैं। पिछले करीब दो माह में कोरोना तेजी से फैला है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 06:27 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 06:27 AM (IST)
सेवा का जज्बा, बिना छुट्टी लिए एंबुलेंस पर ड्यूटी दे रहे सुरेंद्र
सेवा का जज्बा, बिना छुट्टी लिए एंबुलेंस पर ड्यूटी दे रहे सुरेंद्र

जागरण संवाददाता, जींद : कोरोना महामारी में एंबुलेंस चालक फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर काम कर रहे हैं। एंबुलेंस चालक लोहचब गांव के सुरेंद्र पिछले एक साल से कोरोना मरीजों को घर से अस्पताल पहुंचाने में लगे हुए हैं। पिछले करीब दो माह में कोरोना तेजी से फैला है। इस दौरान प्रतिदिन तीन से चार मरीजों को घर से नागरिक अस्पताल ला रहे हैं। नागरिक अस्पताल से रेफर होने वाले मरीजों को रोहतक पीजीआइ छोड़ कर आते हैं। सुरेंद्र बताते हैं कि शुरू में तो डर भी लगता था। जब कोरोना मरीज के साथ उसके परिवार वाले भी जाने को तैयार नहीं थे, ऐसे समय में वे उन मरीजों को अस्पताल में पहुंचाते। घरवालों को भी चिता रहती थी कि कहीं मैं संक्रमित ना हो जाऊं। जैसे-जैसे समय बीता, सब सामान्य लगने लगा। अब ऐसे हालात हैं कि छुट्टियां भी नहीं मिल रही हैं। पिछले दिनों बुखार आया था, कोरोना टेस्ट कराया, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई। बुखार के कारण शरीर में थकावट होने के बावजूद ड्यूटी पर आते रहे। खुद की चिता छोड़ निष्ठा से ड्यूटी निभा रहे हैं, ताकि कोरोना संक्रमितों को अस्पताल पहुंचा कर उनकी जिदगी बचा सकें। अब तक कितने मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है, इसकी तो गिनती ही नहीं है।

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परिवार वालों से दूरी बनाकर रखते हैं

सुरेंद्र बताते हैं कि कोरोना संक्रमित मरीजों और शव को ले जाते समय संक्रमित होने का भय तो रहता है। संक्रमण से बचने के लिए मास्क और ग्लव्स पहनते हैं। बार-बार हाथों को सैनिटाइज करते हैं। एंबुलेंस गाड़ी भी सैनिटाइज करते हैं। जब घर जाते हैं, तो सबसे पहले बाथरूम में जाकर कपड़े उतार कर गर्म पानी में डालते हैं और नहा कर अंदर जाते हैं। 18 साल का बेटा और 17 साल की बेटी है। फिलहाल बेटा-बेटी और परिवार के बाकी सदस्यों से दूरी बनाकर ही रखते हैं। ताकि वे भी सुरक्षित रहें। खान-पान का भी विशेष ध्यान रखते हैं। पौष्टिक आहार और ज्यादा से ज्यादा लिक्विड का सेवन करते हैं।

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