किसानों को एकता के साथ आगे बढ़कर हासिल करनी होगी जीत : बलबीर

नरवाना के बदोवाल टोल धरने पर 251वें दिन भी धरना जारी रहा। इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 08:45 AM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 08:45 AM (IST)
किसानों को एकता के साथ आगे बढ़कर हासिल करनी होगी जीत : बलबीर
किसानों को एकता के साथ आगे बढ़कर हासिल करनी होगी जीत : बलबीर

संवाद सूत्र, नरवाना : बदोवाल टोल धरने पर 251वें दिन भी धरना जारी रहा। किसान सभा के राज्य कार्यकारिणी सदस्य मास्टर बलबीर सिंह ने कहा कि हर हाल में भाईचारे को कायम रखते हुए अपनी एकता को मजबूत करते हुए आगे बढ़ना है और इस आंदोलन में जीत हासिल करनी है।

बीरमती दनोदा ने कहा कि यह समस्या एक की नहीं, हम सब की है और हल भी हम सब मिलकर ही करेंगे। डा. रामचंद्र ने कहा कि टोल के साथी चार मुद्दों को लेकर दो गांवों का दौरा करते हैं। इसमें अधिक से अधिक दूध दिल्ली के लिए इकट्ठा किया जाए, टोल पर व दिल्ली बार्डर पर संख्या बढ़ाई जाए। पांच सितंबर को अधिक से अधिक लोग मुजफ्फरनगर में पहुंचे। अनिता कर्मगढ़ ने कहा कि किसान आंदोलन की लड़ाई जन समर्थन का रूप ले चुकी है। जिससे सरकार को सोच-समझकर कदम उठाने पड़ रहे हैं। किसानों की एकता के कारण ही सरकार को पसीने आ चुके हैं, कि कैसे आंदोलन को कमजोर किया जाए, लेकिन यह आंदोलन कमजोर होने की बजाय मजबूती के साथ आगे बढ़ता जा रहा है।

कपास की फसल में गुलाबी सूंडी का प्रकोप

संसू, उचाना : कपास की फसल में गुलाबी सूंडी का प्रकोप होने से किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें होने लगी है। इससे किसानों को कम उत्पादन होने का डर सताने लगा है। पहले ज्यादा बारिश से फसल किसानों की खराब हुई तो अब जो फसल है उसमें गुलाबी सूंडी का प्रकोप होने लगा है। किसान वीरेंद्र, राममेहर, तेजबीर, कृष्ण, राजेश, संजय, चरण सिंह ने बताया कि छातर, कुचराना, घोघड़िया सहित विभिन्न गांवों में कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप हो गया है। जो टिडा है उसमें गुलाबी सूंडी होने से फसल का उत्पादन प्रभावित होगा। इस बार कपास की फसल किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित होगी।

किसानों ने बताया कि पहले बारिश से कपास की फसल खराब हुई तो अब गुलाबी सुंडी होने से किसानों को नुकसान होगा। किसानों को हो रहे नुकसान की भरपाई को लेकर सरकार प्रति एकड़ किसानों को कम से कम 40 हजार रुपए प्रति एकड़ दे ताकि किसानों को जो आर्थिक नुकसान हो रहा है उसकी कुछ भरपाई हो सकें।

chat bot
आपका साथी