घर में पेड़-पौधे लगाए तो आने लगे चिड़िया, कोयल और कबूतर

देवेंद्र कुमार ने चार साल पहले घर में सात गमलों के साथ बागवानी शुरू की थी। धीरे-धीरे प्रकृति से प्रेम बढ़ता गया और घर को इस तरह सजा दिया कि बगिया फूलों से महक उठी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 07:40 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 07:40 AM (IST)
घर में पेड़-पौधे लगाए तो आने लगे चिड़िया, कोयल और कबूतर
घर में पेड़-पौधे लगाए तो आने लगे चिड़िया, कोयल और कबूतर

कर्मपाल गिल, जींद

रोहतक रोड निवासी देवेंद्र कुमार ने चार साल पहले घर में सात गमलों के साथ बागवानी शुरू की थी। धीरे-धीरे प्रकृति से प्रेम बढ़ता गया और घर को इस तरह सजा दिया कि बगिया फूलों से महक उठी। सुबह चिड़िया, कबूतर व कोयल की चहचहाहट माहौल को आनंदित कर देती है।

दैनिक जागरण से बातचीत में फाइनेंस का काम कर रहे देवेंद्र कुमार बताते हैं कि किसी काम के चलते चार साल पहले पर्यावरण प्रेमी शिक्षक जगदीप सिंह के घर गए थे। वहां हजारों पौधे और हरियाली को देखकर प्रेरणा मिली और उसी दिन सात गमले खरीद लाया। शौक इतना बढ़ गया कि हर रविवार को नर्सरी में जाना शुरू कर दिया और दो-चार पौधे व गमले खरीदकर लाने लगे। रुचि बढ़ती गई और पौधों में कब कितना पानी देना है और कब निराई-गुड़ाई करनी है, इसका भी ज्ञान होने लगा। अब घर के साथ 200 गज के प्लॉट में पार्क तैयार कर रखा है, जिसमें बड़ी संख्या में पौधे लगे हैं। इनमें करीब 250 गमले भी हैं। रोज सुबह एक से डेढ़ घंटा इनकी देखभाल में लगाते हैं। फूल और हरियाली के पौधों की संख्या ज्यादा है। लौंग व इलायची के पौधे भी लगा रखे हैं। एक बेल है, जिसके पत्ते खाने से लहसुन की खुशबू आती है। कुछ फूल वाली बेल व मौसमी पौधे काफी सस्ते भी मिल जाते हैं। अब घर में चमेली, मोगरा सहित काफी फूल खिले हुए हैं। कैक्टस के भी काफी पौधे हैं। पौधों के साथ धनिया, मिर्च, टमाटर जैसी सब्जियां भी उगाते हैं। अमरूद, जामुन, अनार, चीकू, आम के फलदार पौधे भी लगा रखे हैं। देवेंद्र कहते हैं कि धीरे-धीरे पौधों की अलग-अलग वैरायटी की कलेक्शन बढ़ रही है।

अब लत ऐसी है कि जहां जाता हूं, पौधे लाता हूं

देवेंद्र कुमार बताते हैं कि हरियाली से इतना प्रेम बढ़ा कि लत लग चुकी है। अब तो जहां भी जाता हूं, पौधे लेकर आता हूं। लॉकडाउन में घर पर हूं, इसलिए पूरा समय पौधों को दे रहा हूं। सारे गमलों को पेंट कर दिया है। पौधों के बीच रहकर अलग ही खुशी का अहसास होता है। मैनेज से काम लें तो ज्यादा खर्चीला नहीं है। एक पौधे से कटिग करके कई पौधे किए जा सकते हैं।देवेंद्र कहते हैं कि 99 फीसदी लोगों का पौधों से जुड़ाव होता है, लेकिन वे शुरुआत करने में हिचकिचाते हैं। पांच-सात गमले लाकर शुरुआत कर सकते हैं। यह बहुत अच्छा काम है। पौधों से सबको दोस्ती करनी चाहिए। मेरा मानना है कि हर घर के सामने एक बड़ा फलदार पेड़ होना ही चाहिए।

chat bot
आपका साथी