गुरुकुल व विद्यापीठों के पक्ष में फैसले का किया स्वागत

जींद के श्रीलज्जा राम संस्कृत महाविद्यालय पांडू पिडारा में अखिल भारतीय संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ की बैठक महंत राजेश स्वरुप की अध्यक्षता में बैठक हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 08:47 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 08:47 AM (IST)
गुरुकुल व विद्यापीठों के पक्ष में फैसले का किया स्वागत
गुरुकुल व विद्यापीठों के पक्ष में फैसले का किया स्वागत

जागरण संवाददाता, जींद : श्रीलज्जा राम संस्कृत महाविद्यालय पांडू पिडारा में अखिल भारतीय संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ की बैठक महंत राजेश स्वरुप की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें रोहतक से आचार्य जितेन्द्र, गुरुग्राम से डा. अमित, कैथल से अनिल चौधरी, चरखी दादरी से आचार्य राहुल, गोहाना से उधम सिंह, हिसार से मानसिंह ने भाग लिया। इसमें सरकार द्वारा गुरुकुल, संस्कृत विद्यापीठों के हित के लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय का स्वागत किया। गुरुकुलों एवं संस्कृत विद्यापीठों की विगत 20 वर्षों की मांग को हरियाणा सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से अनुदान प्राप्त करने के लिए हरियाणा प्रांत की संस्थाओं के पास कोई अधिकृत निदेशालय नहीं था। जिसके माध्यम से संस्थाएं अनुदान प्राप्त कर सके, लेकिन अब निदेशक हरियाणा संस्कृत अकादमी डा. दिनेश शास्त्री के द्वारा संगठन की मांग को स्वीकार करते हुए वर्षों पुरानी मांग को सरकार द्वारा स्वीकृत करवा करके यह अधिकार क्षेत्र हरियाणा संस्कृत अकादमी को प्रदान करवा दिया है।

निजीकरण के विरोध में कर्मचारी ने किया प्रदर्शन

संवाद सूत्र, सफीदों : सार्वजनिक सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाकर बेरोजगारों को स्थाई नौकरी देने की मांग को लेकर सर्व कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने प्रधान संजय कुमार की अगुवाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन एसडीएम डा. आनंद कुमार शर्मा को सौंपा। ज्ञापन में कर्मचारियों का कहना था कि केंद्र व प्रदेश की सरकार लगातार नव उदारीकरण की नीतियों पर चलते हुए अंधाधुंध सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण कर रही है। इसमें जहां जनता को मिलने वाली सुविधाएं या तो समाप्त हो रही हैं या महंगी होती जा रही हैं और रोजगार के अवसर सिकुड़ते जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने तो खुली घोषणा के साथ मुद्रीकरण नीति के तहत सार्वजनिक संपत्तियों को पूंजीपतियों के हवाले करना शुरू कर दिया है। हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी में नंबर एक पर पहुंच गया है और ऊपर से सरकार ने ठेका पर भर्ती करने के लिए बकायदा हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड कंपनी बनाकर स्थाई भर्ती को बिल्कुल बंद करने की योजना बना ली है।

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