जलभराव से खराब होती है हजारों एकड़ फसल, 30 तक सभी ड्रेनों की सफाई का लक्ष्य
सिचाई विभाग ने बरसाती सीजन से पहले ड्रेनों की सफाई का काम शुरू कर दिया है। जींद सर्कल में सिचाई विभाग के अंतर्गत 48 ड्रेन आती हैं। जिनमें से 25 ड्रेनों की सफाई हो चुकी है।
जागरण संवाददाता, जींद : सिचाई विभाग ने बरसाती सीजन से पहले ड्रेनों की सफाई का काम शुरू कर दिया है। जींद सर्कल में सिचाई विभाग के अंतर्गत 48 ड्रेन आती हैं। जिनमें से 25 ड्रेनों की सफाई हो चुकी है। 22 ड्रेनों की सफाई का काम चल रहा है। वहीं शामलो पड़ाना ड्रेन को पक्का किया जा रहा है। इस पर करीब छह करोड़ रुपये खर्च आएगा। शामलो पड़ाना ड्रेन को जुलाना क्षेत्र की लाइफ लाइन माना जाता है। इस ड्रेन में सफीदों व जुलाना क्षेत्र की 11 ड्रेनों को जोड़ा गया है। शामलों कलां में पंप हाउस है, जहां से सुंदर ब्रांच नहर में बरसाती पानी डाला जाता है। ड्रेन कच्ची होने के कारण इसमें मिट्टी भर जाती थी और ज्यादा बारिश होने पर बरसाती पानी के तेज बहाव के कारण शामलो कलां में ये ड्रेन ओवरफ्लो हो जाती है और आसपास के एरिया में हजारों एकड़ फसल डूब जाने के कारण बर्बाद हो जाती है।
सिचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शामलो कलां में जहां ड्रेन ओवरफ्लो होती है, वहां से ड्रेन को पक्का किया जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो 30 जून से पहले इसे पक्का कर लिया जाएगा। भूमिगत जल स्तर ऊपर होने की वजह से काम करने में दिक्कत आ रही है। ड्रेन के पक्का होने के बाद पानी के बहाव में रुकावट नहीं आएगी। जिससे जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी।
हर साल जलभराव से हजारों एकड़ फसल होती बर्बाद
जुलाना क्षेत्र में जलभराव की समस्या के कारण हर साल हजारों एकड़ फसल बरसाती सीजन में बर्बाद होती है। यहां भूमिगत जल स्तर भी काफी ऊपर है। बारिश होने पर तो कई जगह जल स्तर जमीन के लेवल से भी ऊपर आ जाता है। मेहरड़ा, अकालगढ़ समेत भूमिगत जल स्तर ऊपर वाले गांवों में अंडरग्राउंड लाइन भी डाली जा रही है। जिससे पानी ड्रेनों में छोड़ा जाएगा।
बरसाती सीजन से पहले काम हो जाएगा पूरा : एसई
सिचाई विभाग के एसई मंगतराम ने बताया कि ड्रेनों की सफाई का काम तेजी से चल रहा है। अधिकतर ड्रेनें 20 जून तक साफ हो जाएंगी। 30 जून से पहले सारा काम पूरा हो जाएगा। जलभराव की समस्या वाले कुछ गांवों में अंडरग्राउंड लाइन डाली जा रही हैं। वहीं शामलो कलां में पड़ाना ड्रेन को पक्का करने का काम चल रहा है। ये काम भी 30 जून तक पूरा हो जाएगा। विभाग का प्रयास है कि इस बरसाती सीजन में जलभराव की समस्या ना आए।