जींद में डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत के मामले में ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र पर जड़ा ताला

गांव मुआना में डाक्टर व स्टाफ न मिलने से हुई नवजात बच्चे की मौत से नाराज ग्रामीणों ने सोमवार सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला जड़कर धरना शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 08:45 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 08:45 AM (IST)
जींद में डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत के मामले में ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र पर जड़ा ताला
जींद में डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत के मामले में ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र पर जड़ा ताला

संवाद सूत्र, सफीदों : गांव मुआना में डाक्टर व स्टाफ न मिलने से हुई नवजात बच्चे की मौत से नाराज ग्रामीणों ने सोमवार सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला जड़कर धरना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने डाक्टर व स्टाफ नर्स के खिलाफ मामला दर्ज करके कापी दी जाए और उनको सस्पेंड किया जाए। तालेबंदी की सूचना पाकर एसडीएम डा. आनंद कुमार शर्मा, डीएसपी नीतिश कुमार, नायब तहसीलदार रामपाल शर्मा व थाना प्रभारी रामकुमार मौके पर पहंचे। लेकिन अधिकारी ग्रामीणों को मना पाने में कामयाब नहीं हुए।ग्रामीणों ने अधिकारियों को साफतौर पर कहा कि जब तक डाक्टर व स्टाफ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके उन्हे गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता तब तक वे अस्पताल का ताला नहीं खोलेंगे। स्वजनों ने अस्पताल के डाक्टर व स्टाफ के खिलाफ सफीदों थाने में शिकायत भी दी है। परिवार के लोगों का आरोप था कि उप स्वास्थ्य केंद्र मुआना के डाक्टरों व स्वास्य कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उनके नवजात बच्चे की जान गई है और बच्चे की मां जिदगी और मौत से जूझ रही है। अगर मौके पर डाक्टर व स्टाफ होता तो उनके बच्चे की जान बच सकती थी। वहीं ग्रामीणों का कहना था कि गांव मुआना जिला जींद का सबसे बड़ा गांव जरूर है, लेकिन इस गांव में कोई सुविधा नहीं है। गांव में करीब आठ करोड़ की लागत से बना स्वास्थ्य केंद्र सफेद हाथी है। यहां न तो डाक्टर आते है और न ही स्वास्थ्य कर्मी। उन्होंने सरकार से मांग की कि घटना के सीधे तौर पर जिम्मेवार डाक्टर व स्टाफ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। अधिकारियों ने स्वजनों को काफी समझाया-बुझाया लेकिन वह नहीं माने। उधर मृत बच्चे को पोस्टमार्टम के लिए सफीदों के नागरिक अस्पताल से पीजीआई रोहतक भेजा गया। पीजीआई रोहतक में पोस्टमार्टम न होने की स्थिति में बच्चे को अब पीजीआइ खानपुर भेजा गया है। वहीं बच्चे की मां कृष्णा को नागरिक अस्पताल सफीदों से छुट्टी देकर घर पर भेज दिया गया। ज्ञात रहे कि रविवार दोपहर करीब एक बजे मुआना गांव निवासी कुलदीप की पत्नी कृष्णा को प्रसव पीड़ा हुई। आनन-फानन में कुलदीप अपनी पत्नी कृष्णा को डिलीवरी के लिए गांव के स्वास्थ्य केंद्र पर ले गया। जब वे वहां पर पहुंचे तो वहां पर न तो कोई डाक्टर और न ही नर्स मिली। वहां पर केवल दो सफाई कर्मचारी मिले। उनसे सफाई कर्मियों से नंबर लेकर डाक्टर व नर्स के पास फोन मिलाया तो वहां से सही जवाब नहीं मिला। वह प्रसव दर्द से करीब तीन घंटे तक दर्द से कहराती रही और महिला ने बैंच पर ही बच्चे को जन्म दे दिया और कुछ ही देर में पैदा हुए बच्चे की मौत हो गई। उसके बाद महिला को सफीदों के नागरिक अस्पताल में लाकर भर्ती करवाया गया।

परीक्षा देने गई हुई थी स्टाफ नर्स

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार गांव मुआना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अनुबंध आधार पर तीन नर्स की ड्यूटी है। रविवार को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की नियमित भर्ती के लिए परीक्षा थी और तीनों ही नर्स छुट्टी लेकर परीक्षा देने के लिए गई हुई थी। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इंचार्ज डा. संदीप लांबा भी ड्यूटी पर तैनात नहीं थे। सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच सौंप दी है। जांच के दौरान जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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