लंगर पर गांवों से दूध, गेहूं, अनाज लेकर पहुंच रहे ग्रामीण

किसान संगठनों के तत्वावधान में आंदोलनकारी किसानों के लिए शुगर मिल के सामने किसान लंगर रविवार को 252वें दिन भी जारी रहा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 09:53 AM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 09:53 AM (IST)
लंगर पर गांवों से दूध, गेहूं, अनाज लेकर पहुंच रहे ग्रामीण
लंगर पर गांवों से दूध, गेहूं, अनाज लेकर पहुंच रहे ग्रामीण

जागरण संवाददाता, जींद: अखिल भारतीय किसान सभा, सीआइटीयू तथा बिजली कर्मचारी यूनियन तथा अन्य किसान संगठनों के तत्वावधान में आंदोलनकारी किसानों के लिए शुगर मिल के सामने किसान लंगर रविवार को 252वें दिन भी जारी रहा। रक्षाबंधन के त्योहार पर भी पंजाब से हजारों किसान दिल्ली के बार्डरों पर पहुंचे और लंगर पर खाना लिया।

लंगर संचालक कमेटी सदस्य कपूर सिंह ने बताया कि धनखड़ी गांव से रामनिवास व पूर्व सरपंच शमशेर सिंह के नेतृत्व में रोटियों का टब व 50 किलो दूध लंगर पर पहुंचाया। युवा साथी सोनू कंडेला आठ महीनों से लगातार लंगर पर प्रतिदिन पांच लीटर दूध पहुंचा रहा है। दलबीर चहल ने एक क्विंटल घीया लंगर पर दी, जिनका आर्गेनिक खेती फार्म हाउस रधाना गांव में है और जहर मुक्त खेती करते हैं। गांव बीबीपुर से सुरेश व मा. महाबीर ने दो क्विंटल गेहूं लंगर पर दी। जुलानी के केवल सिंह ने 40 किलो आटा, पंजाब के बरनाला के किसान ने 25 किलो चावल, दीपगढ़ बरनाला के किसान ने 35 लीटर दूध लंगर पर दिया। लंगर पर सुभाष बड़ोदा, रघबीर चहल, कर्मबीर संधू, सतबीर श्योकन्द, दलबीर, सतपाल नम्बरदार, रामफल, बलदेवा जुलानी, राजल छापड़ा, दलेल हैबतपुर आदि लगातार वालंटियर के तौर पर निस्वार्थ भाव से सेवा दे रहे हैं। कपूर सिंह ने बताया कि धक्के से थोपे गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी बनवाने, चारों लेबर कोर्ट को रद्द करवाने आदि की मांग को लेकर किसान राजधानी दिल्ली के बार्डर के चारों ओर डटे हुए हैं। इन किसानों ने इतिहास रच दिया है। आंदोलन को मजबूती देने के लिए शुगर मिल के सामने किसान लंगर चलाया जा रहा है।

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