गांव-गांव कोरोना के पांव

-ग्रामीण अंचल में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण और मौत का आंकड़ा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 06:40 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:40 AM (IST)
गांव-गांव कोरोना के पांव
गांव-गांव कोरोना के पांव

-ग्रामीण अंचल में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण और मौत का आंकड़ा प्रदीप घोघड़ियां, जींद : शहर के बाद अब कोरोना संक्रमण के पांव गांव-गांव पहुंचने लगे हैं। कोरोना की दूसरी लहर की सबसे बड़ी चुनौती ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ता संक्रमण है। अभी तक ग्रामीण क्षेत्र कुछ हद तक सुरक्षित थे, लेकिन अब जिस तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है, उससे हालात चिताजनक होते जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बुखार, जुखाम, खांसी के लक्षण वाले रोगियों के साथ मौतों की तादाद बढ़ती जा रही है। लोग न तो सैंपलिग के लिए आग आ रहे हैं और न ही बुखार या बीमार होने पर खुद को आइसोलेट कर पा रहे हैं। इसके अलावा अगर स्वास्थ्य विभाग को ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना पर काबू पाना है तो जांच का दायरा बढ़ाना होगा। वर्तमान स्थिति की अगर बात की जाए तो 50 फीसद से ज्यादा गांवों में हालात ऐसे हो गए हैं, जिनमें 50 से 100 लोग बीमार न हों। हर दूसरे घर में बुखार या खांसी और जुकाम का मरीज मिल रहा है। कुछ गांवों में तो हालात इतने बदतर हो गए हैं, श्मशान की राख तक ठंडी नहीं हो पा रही है। पिछले एक महीने से मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इस समय जींद जिले में कई गांव ऐसे हैं, जिनमें कोरोना मरीजों की संख्या 50 से ज्यादा है। शहरों के साथ लगते गांवों में कोरोना की स्थिति ज्यादा गंभीर है। हैबतपुर हो या पिडारा या फिर अमरेहड़ी, इन गांवों में कोरोना केसों की संख्या आबादी के हिसाब से ज्यादा है। यह गांव बन चुके हैं कोरोना का हॉट स्पॉट

ग्रामीण क्षेत्र की अगर बात की जाए तो जींद के रामराय गांव में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित केस हैं। रामराय में कोरोना के 78 संक्रमित मरीज हैं। अलेवा में 68, नगूरां में 67, सिवानामाल में 47, कालवा में 63, पिल्लूखेड़ा में 51, अमरहेड़ी में 45, हैबतपुर में 31, कंडेला में 70, अहिरका में 55, रूपगढ़ में 32, दालमवाला में 26, बिरौली में 56, बराह खुर्द में 35, बराह कलां में 45, पिडारा में 44, रधाना में 45, राजपुरा में 23, खरकरामजी में 37, निडाना में 24, जलालपुर में 35, मुआना में 56, बुढ़ाखेड़ा में 50, सिघाना में 55, सिघपुरा में 36, उचाना कलां में 22, उचाना में 126, उचाना मंडी में 161, बड़ौदा में 33, डुमरखां में 35, दनौदा में 25, खटकड़ में 21, उझाना में 61 कोरोना मरीज हैं। इसके अलावा खांडा गांव में 44, मनोहरपुर में 17, ढाठरथ में 20, बधाना में 14, निर्जन में 27, खुंगा कोठी में 17, खोखरी में 29, किनाना में 28, करेला में 26, मालवी में 26, देवरड़ में 37, गतौली में 29, लिजवाना कलां में 26, लिजवाना खुर्द में 19, झमोला में 19, बुढ़ाखेड़ा लाठर में 34, हथवाला में 20, शादीपुर में 30, ढिगाना में 35, किलाजफरगढ़ में 29, ललितखेड़ा में 16, बुआना में 18 कोरोना के केस अब तक आ चुके हैं। इन कारणों से बढ़ रहा ग्रामीण अंचल में कोरोना

-बीमार होने के बावजूद भी लोग कोरोना टेस्ट करवाने के लिए आगे नहीं आ रहे। -लॉकडाउन के बावजूद गांवों में आवाजाही बदस्तूर जारी है। -मुंह पर मास्क और शारीरिक दूरी के नियम का नहीं हो रहा पालन। लोग झुंड बनाकर अभी भी बैठ रहे हैं। -सभी गांवों में नहीं हो पाया है वैक्सीनेशन। -गांवों में जागरूकता का अभाव है। -न पंचायत अलर्ट न स्वास्थ्य विभाग। -कोरोना के लक्षण होने पर भी खुद को आइसोलट नहीं करते। यूं ही परिवार के बीच बैठे रहते हैं, इससे संक्रमण फैलता है। -समय पर इलाज नहीं करवाना भी संक्रमण और मौत का माना जा रहा कारण।

जांच का बढ़ाया जा रहा दायरा : डा. पालेराम कटारिया

डिप्टी सिविल सर्जन डा. पालेराम कटारिया ने कहा कि ग्रामीण अंचल में जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है। सैंपलिग और स्क्रीनिग के लिए टीमों का गठन किया हुआ है। जांच में तेजी लाते हुए जल्द ही सभी गांवों को कवर कर लिया जाएगा। उसके बाद स्थिति साफ होगी कि गांवों में किस हद तक कोरोना पहुंच चुका है। डा. पालेराम कटारिया ने कहा कि किसी को भी अगर कोरोना के लक्षण नजर आएं तो वह तुरंत अपन टेस्ट करवाए। गांवों में आइसोलेशन सेंटर भी बनाए जा रहे हैं।

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