25 हजार किसानों के फार्म पोर्टल हुए अपलोड, रात को भी चल रहा काम

प्रधानमंत्री पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मंगलवार शाम तक 25 हजार से ज्यादा फार्म पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। मंगलवार को रविदास जयंती पर अवकाश था। हालांकि अवकाश होने के बावजूद कुछ गांवों में कर्मचारियों के फार्म भरे गए और अब तक विभाग के पास करीब 75 हजार किसानों के फार्म आ चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 01:22 AM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 01:22 AM (IST)
25 हजार किसानों के फार्म पोर्टल हुए अपलोड, रात को भी चल रहा काम
25 हजार किसानों के फार्म पोर्टल हुए अपलोड, रात को भी चल रहा काम

जागरण संवाददाता, जींद : प्रधानमंत्री पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मंगलवार शाम तक 25 हजार से ज्यादा फार्म पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। मंगलवार को रविदास जयंती पर अवकाश था। हालांकि अवकाश होने के बावजूद कुछ गांवों में कर्मचारियों के फार्म भरे गए और अब तक विभाग के पास करीब 75 हजार किसानों के फार्म आ चुके हैं। 25 फरवरी तक सभी पात्र किसानों का रिकॉर्ड तैयार कर पोर्टल पर डाटा अपलोड करना है और मार्च में पेंशन की पहली किस्त पात्र किसानों के खातों में जारी करनी है। ऐसे में प्रशासन के पास सप्ताह से भी कम समय बचा है।

इस अवधि में सभी पात्र किसानों का डाटा एकत्रित कर उसको अपलोड करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। मंगलवार को अवकाश के दिन भी जिला मुख्यालय पर एनआइसी कार्यालय में फार्म अपलोड करने का भी काम जारी रहा। अधिकारियों के अनुसार पोर्टल पर फार्म अपलोड करने के लिए कर्मचारी दिन-रात लगे हुए हैं। राजस्व विभाग की तरफ से भेजी गई लिस्ट में खामियां होने से भी दिक्कतें आ रही हैं। रिकॉर्ड में काफी किसानों के जमीन पांच एकड़ से ज्यादा है, जबकि किसानों का कहना है कि उनकी पांच एकड़ से जमीन कम है। काफी किसानों का इस लिस्ट में नाम नहीं है। उनके नाम रजिस्ट्री है, लेकिन लिस्ट में इसका जिक्र नहीं है।

अपील का मिलेगा मौका

जिला राजस्व अधिकारी रामफल कटारिया ने बताया कि जो किसान पात्र हैं और उनका लिस्ट में नाम नहीं है या जमीन पांच एकड़ से ज्यादा दिखाई गई है। ऐसे किसानों द्वारा दिखाए कागजात के आधार पर फार्म जमा किए जा रहे हैं। उन किसानों को बाद में अपील का मौका मिलेगा, जिसमें उनका रिकॉर्ड जांच कर पात्र किसानों को सूची में शामिल किया जाएगा। इंतकाल के दौरान जमाबंदी नहीं होने के कारण कुछ मामलों में दिक्कत आ सकती है, लेकिन इससे किसान को घबराने की जरूरत नहीं है।

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