दुकानों के आगे पेड़ बने दुकानदारों के लिए परेशानी

रेलवे रोड पर एसडी महिला कालेज के पास दुकानों के आगे पेड़ दुकानदारों के लिए परेशानी का सब बन रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 08:30 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 08:30 AM (IST)
दुकानों के आगे पेड़ बने दुकानदारों के लिए परेशानी
दुकानों के आगे पेड़ बने दुकानदारों के लिए परेशानी

संवाद सूत्र, उचाना : रेलवे रोड पर एसडी महिला कालेज के पास दुकानों के आगे पेड़ दुकानदारों के लिए परेशानी का सब बन रहे हैं। दुकानदार कपूर, जगदीश शर्मा, नरेश सौंगरी, सतबीर, राजेंद्र, राजा राम, राजकुमार ने बताया कि यहां पर दो सफेदे के पेड़ है। जब तेज आंधी आती है, तो इसकी डाली टूट कर आने-जाने वालों पर गिर जाती है। इससे कई बार वाहन चालक, राहगीर चोटिल भी हो चुके हैं। यहां पर एक काफी वर्ष पुराना पीपल है, जो सूख चुका है। इन पेड़ों को कटवाने की मांग को लेकर वन विभाग को भी लिख कर दुकानदार दे चुके हैं। एसडीएम से दुकानदार मिलकर इन तीनों पेड़ों को कटवाने की मांग करेंगे। ताकि यहां पर कोई हादसा न हो। रेलवे रोड शहर का सबसे व्यस्त रोड है। यहां से वाहन चालकों, राहगीरों का हर समय आना-जाना रहता है। तेज आंधी, तूफान में कोई हादसा यहां होने का डर दुकानदारों को बना हुआ है। दुकानदारों ने कहा कि वो कम से कम 10 पौधे इनकी जगह शहर से बाहर लगाएंगे और उनकी देखभाल करेंगे।

25 हजार की आबादी पर बनी पीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी, लोग परेशान संवाद सूत्र, नरवाना : लगभग 25 हजार की आबादी वाले गांव दनौदा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बेपटरी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पीएचसी के कार्यक्षेत्र में जहां गांव दनौदा व दनौदा खुर्द आते हैं, वहीं आसपास के गांवों के मरीज भी अपने इलाज के लिए आते हैं लेकिन मरीजों को अस्पताल स्टाफ ड्यूटी पर हाजिर नहीं मिलता या फिर वहां का स्टाफ चिकित्सा कक्ष को बाहर की कुंडी लगाकर दूसरे कमरे में मिलता है। मरीज अस्पताल के चक्कर काटकर वापस चले जाते हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि पीएचसी इंजार्ज एमओ भी अस्पताल में कम ही आती हैं। पिछले महीने 19 मई को भी ग्रामीण एकत्रित होकर पीएचसी पर पहुंचे थे, उस दौरान भी एमओ ड्यूटी पर नहीं थी। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि पीएचसी दनौदा में इंचार्ज सहित स्टाफ की हाजिरी सुनिश्चित की जाए, ताकि मरीजों को इधर-उधर न भटकना पड़े।

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