सीबीएसई की 10वीं परीक्षाएं रद होने से टॉपर विद्यार्थी मायूस
बढ़ते कोरोना के मामलों के चलते केंद्र सरकार ने सीबीएसई की 10वीं रद कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, जींद : बढ़ते कोरोना के मामलों के चलते केंद्र सरकार ने सीबीएसई की 10वीं कक्षा की परीक्षाएं रद कर दी हैं। 10वीं कक्षा के नतीजे इंटरनल एसेसमेंट यानी बोर्ड के बनाए ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया के आधार पर तय किए जाएंगे। वहीं 12वीं कक्षाएं जून तक टाली गई हैं। 10वीं की परीक्षाएं रद किए जाने पर शिक्षकों और अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया हैं। अधिकतर विद्यार्थी खुश हैं कि बगैर परीक्षा दिए ही अगली कक्षा में चले जाएंगे। लेकिन टॉपर विद्यार्थी, जिन्होंने पूरे साल ऑनलाइन व ऑफलाइन पढ़ाई की। ट्यूशन पर गए, वे मायूस हैं। 10वीं कक्षा के सीबीएसई बोर्ड पेपर नहीं लेगा, ये सूचना मिलने पर कुछ विद्यार्थी तो रोने लगे। परीक्षा ना होने की बात सुन रोने लगी इस्मीत
इंडस पब्लिक स्कूल की 10वीं कक्षा की छात्रा इस्मीत ने पता चला कि उनकी परीक्षा नहीं होगी, तो वह रोने लगी। उनकी मां गुरमीत ने बताया कि इस्मीत बार-बार रो रही है। इस्मीत ने कहा कि उसने पूरा साल मेहनत की है और अचानक सरकार ने ये फैसला दे दिया। अगर यही करना था, तो पहले कर देते। उन विद्यार्थियों को तो फायदा हो गया, जिनका कोई उद्देश्य नहीं था। जो बच्चे ठान चुके थे कि उन्हें कुछ करना है और दिन-रात मेहनत कर रहे थे। उन्हें निराशा हाथ लगी है।
एक माह पहले ली जा सकती थी 10वीं की परीक्षा
अभिभावक राजेश वशिष्ठ ने कहा कि विद्यार्थी का बेस ही 10वीं कक्षा है। उसके पास सीबीएसई का सर्टिफिकेट ही नहीं होगा। 10वीं कक्षा बाद मेडिकल, नॉन मेडिकल, आर्ट, कॉमर्स में से कौन सा संकाय चुनना है। ये 10वीं के अंकों के आधार पर ही विद्यार्थी चुनता है। 10वीं की परीक्षाएं एक माह पहले ली जा सकती थी। तब कोरोना के ज्यादा मामले नहीं थे। वहीं 12वीं कक्षा की परीक्षाएं स्थिति सामान्य होने पर जून या जुलाई में ली जा सकती हैं। इस फैसले से बेटा खुश है अभिभावक अनिल कुमार ने बताया कि पहले कोरोना की वजह से बच्चे असमंजस में थे। अब पेपर रद होने से उनके लिए स्थिति स्पष्ट हो गई है। उसका बेटा 10वीं कक्षा में है। वह इस फैसले से खुश है। लेकिन जिन विद्यार्थियों को टॉप पॉजिशन आने की उम्मीद थी और उसके लिए पूरे साल मेहनत की थी। वे जरूर इस फैसले से निराश होंगे। ------------------ परीक्षाएं रद करना सही नहीं
होली हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के चेयरमैन वजीर ढांडा ने कहा कि परीक्षाएं रद करना सही नहीं है। जिन विद्यार्थियों ने घर पर रह कर ऑनलाइन और फिर स्कूलों में आकर जबरदस्त तैयारी की है। उनका परीक्षाएं रद होने से हौसला गिरता है। अगर ऐसे ही होता रहा, तो दिन-रात पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की मेहनत का कोई मतलब नहीं रह जाता। ऐसे में परीक्षाओं का समय आगे बढ़ाया जा सकता था या परीक्षाएं ऑनलाइन ली जा सकती थी। -------------- राष्ट्रीय आपदा है, फैसले को गलत नहीं कह सकते
आधारशिला स्कूल की निदेशक अंजू सिहाग ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा में इस फैसले को गलत नहीं कहा जा सकता। 10वीं कक्षा के पेपर तो नहीं होंगे। बोर्ड ऑब्जेक्टिव का क्राइटेरिया तैयार करेगा, उसके आधार पर विद्यार्थियों को अंक देकर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। अगर किसी विद्यार्थी को इसमें दिक्कत होगी, तो उसका पेपर लिया जाएगा। पिछले दो सेमेस्टर के पेपर के अंक के आधार पर रिजल्ट बनेगा या नहीं। बोर्ड की तरफ से जारी गाइडलाइन में इसका कोई जिक्र नहीं है।