ईक्कस गांव के एकहंस तीर्थ के जीर्णोद्धार का काम शुरू

ईक्कस गांव स्थित एकहंस तीर्थ के जीर्णाेद्धार का काम शुरू हो गया है। रविवार को विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने नारियल तोड़ कर कार्य की शुरूआत की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 06:10 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 06:10 AM (IST)
ईक्कस गांव के एकहंस तीर्थ के जीर्णोद्धार का काम शुरू
ईक्कस गांव के एकहंस तीर्थ के जीर्णोद्धार का काम शुरू

जागरण संवाददाता, जींद : ईक्कस गांव स्थित एकहंस तीर्थ के जीर्णाेद्धार का काम शुरू हो गया है। रविवार को विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने नारियल तोड़ कर कार्य की शुरूआत की। इस दौरान उनके साथ लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन नवनीत नैन, जेई सत्यवीर शर्मा, सरपंच प्रतिनिधि हरपाल ढुल, भाजपा कार्यकर्ता नारायण सिंह मौजूद रहे। जीर्णोद्धार के काम पर करीब 1.33 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने बताया कि दो साल पहले सीएम ने जींद का दौरा किया था और कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आने वाले 51 तीर्थों के जीर्णोद्धार की घोषणा की थी। इनमें जींद के पांडू पिडारा तीर्थ, ईक्कस के एकहंस तीर्थ और बरसोला गांव स्थित वंशमूलक तीर्थ शामिल थे। अब इन पर काम शुरू कर दिया गया है। 44 लाख रुपये से ईक्कस तीर्थ पर महिला और पुरुषों के स्नान के लिए अलग-अलग घाट बनाए जाएंगे। यहां रास्ते को पक्का किया जाएगा और चेंजिग रूम भी बनाए जाएंगे। पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। तीर्थ के जीर्णोद्धार होने से यहां पर्यटन की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। इस तीर्थ का ऐतिहासिक महत्व है।

महाभारत में दुर्योधन रणभूमि से भागकर यहां छिपा था

एकहंस तीर्थ को लेकर यह मान्यता है कि महाभारत युद्ध में दुर्योधन रणभूमि से भागकर बचते हुए यहां तालाब में छिपा था। पांडव दुर्योधन को ढूंढते हुए यहां आए थे और यहीं पर दुर्योद्धन का वध किया था। इसी कारण इसे ढूंढू तीर्थ भी कहा जाता है। डा. मिढ़ा ने कहा कि जीर्णाेद्धार के बाद यह तीर्थ अलग ही रूप में नजर आएगा।

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