डॉक्टरों पर मंत्री जी का कटाक्ष, कांटा लगने पर लिखते पश पड़ गई, 400 के इलाज पर बना देते 40 हजार रुपये का बिल

जागरण संवाददाता, जींद : केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र ¨सह ने रविवार को डॉक्टरों को नसीह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 11:34 PM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 11:34 PM (IST)
डॉक्टरों पर मंत्री जी का कटाक्ष, कांटा लगने पर लिखते पश पड़ गई, 400 के इलाज पर बना देते 40 हजार रुपये का बिल
डॉक्टरों पर मंत्री जी का कटाक्ष, कांटा लगने पर लिखते पश पड़ गई, 400 के इलाज पर बना देते 40 हजार रुपये का बिल

जागरण संवाददाता, जींद : केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र ¨सह ने रविवार को डॉक्टरों को नसीहत दी। मौका था आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत का। जिले के नागरिक अस्पताल पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई बार तो किसी व्यक्ति को कांटा लगा होता है, लेकिन डॉक्टर लिख देता है कि इसमें तो पश (राध) हो रही है। जहां इलाज पर 400 रुपये खर्च होने होते हैं, वहां 40 हजार रुपये का बिल बना दिया जाता है। यह गलत है।

मंत्री ने बेबाक अंदाज में कहा कि कुछ डॉक्टर सिर दर्द को मिर्गी बताकर ठगी करते हैं, इसलिए इस ठगी के बाजार पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना में 1300 बीमारियों को शामिल किया है। पैकेज निर्धारित किए हैं। अकेले डॉक्टर ही दोषी नहीं हैं कुछ मरीज भी डॉक्टर के साथ मिलीभगत करते हैं।

बीरेंद्र ¨सह ने कहा कि आजादी के बाद बहुत सी योजनाएं बनीं, लेकिन लोगों को जानकारी नहीं होने से उनका लाभ नहीं मिल पाया। आयुष्मान योजना को इतने बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन का मुख्य उद्देश्य यही है कि योजना लोगों तक पहुंचे। लोगों से आह्वान किया कि वे इस योजना का गलत फायदा नहीं उठाएं। उन्होंने कहा कि जिले के 81 हजार परिवारों के सवा चार लाख से अधिक लोगों को पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।

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ये रहे मौजूद

इस मौके पर डीसी अमित खत्री, एडीसी मुनीष नागपाल, एमएस डॉ. राजेश भोला, डॉ. पालेराम कटारिया, डॉ. रमेश पांचाल, जवाहर सैनी, अमरपाल राणा, एचपीएससी के सदस्य जयभगवान गोयल, हाउ¨सग बोर्ड फैडरेशन के चेयरमैन डॉ. ओपी पहल, स्टील बोर्ड के सदस्य शिव नारायण शर्मा, डॉ. राज सैनी, स्वामी राधवानंद, पूर्व मंत्री सुरेंद्र बरवाला मौजूद रहे।

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तनख्वाह के लिए ¨जदाबाद-मुर्दाबाद के बजाय जनसेवा करें

कार्यक्रम में शामिल आशा वर्करों पर भी केंद्रीय मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि वह सरकार की योजना को सही तरीके से लागू करा सकती हैं। तुम तनख्वाह बढ़ाने के लिए बहुत ¨जदाबाद-मुर्दाबाद करती हो। यह आपका लोकतांत्रिक अधिकार है। इस ¨जदाबाद-मुर्दाबाद के अलावा किसी बुजुर्ग, महिला व मरीज के इलाज में सहयोग कर दो तो जो दुआएं मिलती हैं, वह तनख्वाह से भी ज्यादा हैं। इस पर आशा वर्करों ने इस पर ताली नहीं बजाई तो कहा कि ये तो केवल अपनी तनख्वाह बढ़ाने पर ही तालियां बजाती हैं। हमारी सरकार ने इनकी तनख्वाह बढ़ाई है।

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सभी अच्छे अस्पतालों को करें शामिल

केंद्रीय मंत्री ने डीसी अमित खत्री को कहा कि जिले में जितने भी अच्छे अस्पताल हैं, उनको योजना में शामिल किया जाए। अब तक जिले के चार नागरिक अस्पतालों जींद, नरवाना, सफीदों व उचाना के अलावा आठ निजी अस्पतालों को भी इस योजना के तहत पैनल पर लिया गया है।

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13 गांवों में बनेंगे वैलनेस सेंटर

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शहर क्षेत्र के अलावा पायलट तौर पर योजना को ग्राम स्तर पर पहुंचाने के लिए 13 गांवों में वैलनेस सेंटर बनाए जाएंगे। जहां पर योजना में शामिल परिवारों की छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज वहीं पर हो सकेगा।

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इन लोगों को दिए गोल्ड कार्ड

केंद्रीय मंत्री ने आयुष्मान योजना की शुरुआत पर रामनगर निवासी सुमन, जितेंद्र, राजेश बाला, रोशनी व एक अन्य को ई-कार्ड दिए।

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ना मेरी पहले आली सरकार नै सुणी, ना ही इस सरकार नै : बीरेंद्र

दोनों ही सरकारों में भर्ती के लिए ग्रामीण व शहरी कैडर अलग-अलग करने का दिया था सुझाव जागरण संवाददाता, जींद : केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र ¨सह ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में तब तक डॉक्टरों की कमी पूरी नहीं हो सकती, जब तक सरकार भर्ती के दौरान ग्रामीण व शहरी कैडर अलग-अलग नहीं बनाती है। मैंने पहले वाली सरकार और इस सरकार को भी सुझाव दिया था, लेकिन दोनों ही सरकारों ने मेरी नहीं सुनी। अगर सरकार भर्ती के समय ही ऐसा प्रावधान करती है तो ग्रामीण कैडर से भर्ती होने वाले चिकित्सक ने अपनी सेवाएं हर हाल में ग्रामीण एरिया में देनी पड़ेंगी। अगर किसी ने शहर में ही रहना है तो वह भर्ती के समय अपना फार्म शहरी कैडर भरेगा। इससे यह समस्या ही खत्म हो जाएगी।

वह नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के सवाल पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर डॉक्टर शहर में अच्छी सुविधाएं देखता है। जींद में इस प्रकार की सुविधाएं नहीं होने के चलते डॉक्टर यहां नहीं रुकते। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की कमी के लिए पिछली सरकारें जिम्मेदार हैं। चिकित्सकों की भर्ती तो कर ली जाती थी, लेकिन चिकित्सक ज्वाइ¨नग नहीं करते थे। पत्रकारों ने कहा कि आप ही सरकार हैं, तो बीरेंद्र ¨सह ने जवाब दिया कि मैं कहां सरकार हूं। मैं सरकार होता तो यह सवाल नहीं करना पड़ता।

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रोहतक में लगें जींद मेडिकल कॉलेज की कक्षाएं

बीरेंद्र ¨सह ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को सुझाव दिया है कि जब तक जींद में मेडिकल कॉलेज नहीं बनता, तब तक इस मेडिकल कॉलेज की कक्षाओं का इंतजाम रोहतक में कराया जाए।

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