डेडलाइन के 19 माह बाद भी शुरू नहीं हो पाया स्वी¨मग पूल

जागरण संवाददाता, जींद : सेक्टर 9 में चार साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद स्वी¨मग पूल शुरू नहीं हो पाया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 11:20 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 11:20 PM (IST)
डेडलाइन के 19 माह बाद भी शुरू नहीं हो पाया स्वी¨मग पूल
डेडलाइन के 19 माह बाद भी शुरू नहीं हो पाया स्वी¨मग पूल

जागरण संवाददाता, जींद : सेक्टर 9 में चार साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद स्वी¨मग पूल शुरू नहीं हो सका है। निर्माण कार्य पूरा हुए डेढ़ साल का समय हो चुका है, लेकिन मशीनरी पंप इंस्टॉल नहीं होने के कारण स्वी¨मग पूल शुरू नहीं हो सका है। मशीनरी पंप तो आ चुके हैं, लेकिन हुडा की तरफ से इन्हांसमेंट की मंजूरी नहीं मिलने के कारण इंस्टालेशन का काम अटका हुआ है। इसके चलते युवा गांवों के तालाबों व तीर्थों में तैराकी करने को मजबूर हैं।

शहर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्वी¨मग पूल बनाने की घोषणा हुड्डा सरकार के समय हुई थी और अगस्त 2014 में निर्माण के लिए काम अलॉट हुआ था। स्वी¨मग पूल का निर्माण करके हुडा को पिछले साल इसे खेल विभाग को हेंडओवर करना था। लेकिन डेडलाइन के एक साल बीत जाने के बावजूद अभी तक पूल शुरू नहीं हो सका है। यहां बनाए चेंज रूम व अन्य भवन बिना प्रयोग के ही जर्जर हो रहे हैं। पूल के निर्माण पर लगभग 4.90 करोड़ रुपये की राशि खर्च होनी है। जिसमें 3.87 करोड़ की राशि से स्वी¨मग पूल का निर्माण कार्य हो चुका है। पूल में पानी डालने-निकालने व साफ करने के लिए पंप सेट लगाए जाने हैं। जिस पर करीब एक करोड़ रुपये की राशि खर्च होनी है। लेकिन ये मामला बजट की मंजूरी को लेकर अटका हुआ है। पंप सेटों व उनके इंस्टॉलेशन के काम पर करीब एक करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। जो काम निर्माण एजेंसी द्वारा किसी दिल्ली की एजेंसी से कराना है। लेकिन बजट को लेकर मामला अटक गया है।

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काम बढ़ने से एक करोड़ बजट बढ़ाया

स्वी¨मग पूल के निर्माण के लिए शुरुआत में 3.87 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था। लेकिन बाद मैकेनिकल का काम बढ़ने के कारण बजट करीब एक करोड़ और बढ़ गया। बढ़ी हुई राशि की मंजूरी लेनी होती है, जिसके बाद बजट जारी होता है। लेकिन बढ़ी हुई राशि की हुडा की तरफ से मंजूरी नहीं दी गई है। जिसके चलते ठेकेदार पंप इंस्टॉलेशन का काम नहीं कर रहा है।

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फिलहाल स्वी¨मग पूल की नहीं व्यवस्था

दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम की तर्ज पर सेक्टर 9 में बन रहा स्वी¨मग पूल जिले का पहला स्वी¨मग पूल होगा। इससे पहले खेल विभाग के पास जिले में एक भी स्वी¨मग पूल नहीं है। जब भी जिले में खेल होते हैं, तैराकी प्रतियोगिता निजी स्कूलों में करानी पड़ती है। स्वी¨मग पूल का निर्माण होने के बाद जिले युवाओं को शहर में ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तैराकी के लिए सुविधाएं मिल सकेंगी।

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ये होगी सुविधा

स्वी¨मग पूल में एक बड़ा 10 लेन का तरणताल बनाया गया है। इस तरणताल में एक साथ 10 तैराक तैराकी कर सकेंगे। एक वार्म अप पूल भी बनाया गया है, जिसमें खिलाड़ी प्रतियोगिता शुरू होने से पहले वार्म अप कर सकेंगे। यहां एक पवेलियन का निर्माण भी किया गया है। इस पवेलियन में 500 दर्शक एकसाथ बैठकर तैराकी प्रतियोगिता का लुत्फ उठा सकेंगे। स्वी¨मग पूल में पानी व्यवस्था करने के लिए इसको सेक्टर 9 के मेन वाटर वर्कस से जोड़ा गया है।

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जींद जिले में खेल विभाग की ओर से स्वी¨मग पूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके बावजूद जिले के युवाओं ने गांवों के तालाबों और तीर्थों में प्रैक्टिस करके अपना करियर कराया है। जींद, ईक्कस, रामराय, नगूरां समेत कई गांवों के तालाबों में युवाओं ने तैरने की प्रैक्टिस करके राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर मेडल जीते हैं। रामराय के रामहृद तीर्थ में प्रैक्टिस करके कृष्ण, सुमित रामराय, दीपक जींद, रोहित, राहुल सहित काफी युवाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड व सिल्वर मेडल लिए हैं। तैराक उत्तम, सोमबीर, अजय, योगेश ने तैराकी की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते हैं। नगूरां के सुमित दलाल ने आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल जीता था।

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प्राइवेट स्कूल में कर रहे प्रैक्टिस

सरकारी स्वी¨मग पूल शुरू नहीं होने के कारण युवाओं को शहर के निजी स्कूल में बने स्वी¨मग पूल में प्रैक्टिस करनी पड़ रही है। इसकी फीस भी ज्यादा चुकानी पड़ती है। सेक्टर 9 में स्वी¨मग पूल शुरू हो जाता है, तो युवाओं को तैराकी में भविष्य बनाने का मौका मिलेगा।

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डिपार्टमेंट की वजह से हो रही देरी

इंस्टॉलेशन के काम में हुडा की वजह से देरी हो रही है। इन्हांसमेंट की फाइनल मंजूरी नहीं मिली है। जोकि हुडा को देनी है। बगैर बजट के वो इंस्टॉलेशन का काम नहीं करा सकता। जैसे ही इसकी मंजूरी मिल जाती है। वो काम करा देगा। इंस्टॉलेशन के लिए मशीनें व अन्य सामान आया हुआ है।

बलबीर यादव, ठेकेदार

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ठेकेदार को करना है काम

स्वी¨मग पूल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इंस्टॉलेशन का काम बचता है। ये काम ठेकेदार को किसी एजेंसी से कराना है। फाइनल इन्हांसमेंट की मंजूरी उच्चाधिकारियों को देनी है। लेकिन इससे पेमेंट नहीं रुकेगी। ठेकेदार खुद की कमियों को छिपाने के लिए ऐसा बोल रहा है।

विनोद कुमार गुप्ता, एसडीओ, हुडा

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