कोविड मरीजों की पहचान के लिए जींद के 300 गांवों में शुरू हुआ सर्वे

ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों की पहचान करने लिए शनिवार को जिले के 300 गांवों में विशेष अभियान चलाया। सर्वे टीम में आंगनबाड़ी वर्कर आशा वर्कर व एक टीचर को शामिल किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 06:35 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 06:35 AM (IST)
कोविड मरीजों की पहचान के लिए जींद के 300 गांवों में शुरू हुआ सर्वे
कोविड मरीजों की पहचान के लिए जींद के 300 गांवों में शुरू हुआ सर्वे

जागरण संवाददाता, जींद : ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों की पहचान करने लिए शनिवार को जिले के 300 गांवों में विशेष अभियान चलाया। सर्वे टीम में आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व एक टीचर को शामिल किया गया। जहां पर टीम ने सुबह ही गांवों में पहुंच गई और प्रत्येक घर के द्वार पर जाकर बीमार लोगों की जानकारी ली गई। जिन लोगों को बुखार, खांसी व जुकाम से पीड़ित थे उनका प्रोफार्मा तैयार किया गया। इस दौरान खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के एक प्रतिनिधि ने इन टीमों के कार्य पर नजर रखी। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजकुमार चांदना ने बताया कि चार सदस्यीय कमेटी अपना डाटा तैयार कर रही है। अब इस डाटा को स्वास्थ्य विभाग की गठित दूसरी कमेटी को सौंपा जा रहा है। जिन लोगों में कोरोना संबंधित लक्षण दिखाई देंगे, उन लोगों के स्वास्थ्य विभाग द्वारा सैंपल लिया जाएगा और उनका इलाज शुरू कर दिया जाएगा। --------------------- सरकारी स्कूलों में बनाए जा रहे आइसोलेशन वार्ड जिले में प्रत्येक गांव में आइसोलेशन वार्ड बनाने शुरू कर दिए है। आइसोलेशन वार्ड बनाने के लिए सार्वजनिक भवन का प्रयोग किया जा रहा है। अधिकतर गांवों में सरकारी स्कूलों के भवन में बेड लगाकर वहां पर आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है, ताकि संक्रमण रोकने के लिए कोरोना पॉजिटिव को वहां पर आइसोलेट किया जाएगा। चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई जाएगीं। इसके लिए खंड स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है। इसमें खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी इसके नोडल अधिकारी बनाया गया और पंचायती राज विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी सदस्य बनाया गया। इसके साथ सदस्यों में स्वास्थ्य विभाग का एक चिकित्सक भी शामिल है। -------------------- ग्रामीण जानकारी देने से बच रहे गांवों में डोर-टू-डोर सर्वे करने जा रही टीम को भी ग्रामीण जानकारी देने से बच रहे हैं। अधिकतर ग्रामीणों को अब भी डर है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम उनको जबरदस्ती कोविड वार्ड में दाखिल कर देगी। लोगों में फैली इस भ्रांति को मिटाने के लिए प्रशासनिक टीम गांव के मौजिज व्यक्तियों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग ले रही है। सर्वे में लगे कर्मचारियों के अनुसार कई घरों में बीमार व्यक्ति होता है, लेकिन वह लोग उनको भी जानकारी देने से बच रहे हैं और विश्वास में लेने के बाद ही जानकारी दे रहे हैं।

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