शुगर मिल बीते साल से 32 दिन ज्यादा चला, आज खत्म होगा पेराई सत्र

शुगर मिल में पेराई का कार्य सोमवार को बंद हो जाएगा। 21 मई के बाद से गन्ना कम आ रहा है। प्रतिदिन शुगर मिल को 16 हजार क्विंटल से ज्यादा गन्ना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 09:39 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 09:39 AM (IST)
शुगर मिल बीते साल से 32 दिन ज्यादा चला, आज खत्म होगा पेराई सत्र
शुगर मिल बीते साल से 32 दिन ज्यादा चला, आज खत्म होगा पेराई सत्र

जागरण संवाददाता, जींद : शुगर मिल में पेराई का कार्य सोमवार को बंद हो जाएगा। 21 मई के बाद से गन्ना कम आ रहा है। प्रतिदिन शुगर मिल को 16 हजार क्विंटल से ज्यादा गन्ना चाहिए। लेकिन कम गन्ना आने के कारण मिल में पेराई का कार्य रुक-रुक कर चल रहा है, जिसको देखते हुए मिल प्रबंधन ये फैसला लिया है। मिल यार्ड में जो गन्ना आया हुआ है, अब केवल उसकी ही पेराई की जाएगी और सोमवार को मिल बंद हो जाएगा। शुगर मिल में पेराई का कार्य आमतौर पर अप्रैल में खत्म हो जाता है। पिछले साल 13 अप्रैल तक मिल चला था। लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण फतेहाबाद जिले के किसानों का गन्ना, जो जूस में प्रयोग होता था। वो मार्केट में नहीं बिका। जिसके चलते सरकार ने ये गन्ना आसपास के शुगर मिल में भेजने का निर्णय लिया। जींद शुगर मिल में फतेहाबाद के काजलहेड़ी व अन्य गांवों का तीन लाख क्विंटल से ज्यादा गन्ना लिया गया। रविवार तक करीब 28 लाख 35 हजार क्विटल गन्ने की पेराई हो चुकी है। जो पिछले साल से लगभग चार लाख क्विंटल ज्यादा है।

आज हो जाएगा पेराई कार्य पूरा

केन मैनेजर रोहताश लाठर ने बताया कि स्थानीय किसानों का लगभग सारा गन्ना मिल में पहुंच चुका है। फतेहाबाद जिले के किसान जूस वाला गन्ना मिल में ला रहे थे। लेकिन अब जूस वाले उनका गन्ना खरीदने लगे हैं। जिसके कारण पिछले कुछ दिनों में बहुत कम गन्ना मिल में आया। इसके कारण पेराई का कार्य भी रुक-रुक कर चला। जिसके चलते पेराई सीजन खत्म करने का फैसला लिया गया। अब मिल यार्ड में जो गन्ना बचा है, उसकी पेराई की जाएगी। उसके बाद और गन्ना नहीं लिया जाएगा।

सबसे ज्यादा दिन चला जींद शुगर मिल

इस सीजन में जींद शुगर मिल सबसे ज्यादा 185 दिन चला है। जबकि पिछले साल 152 दिन पेराई सत्र चला था। प्रदेश के बाकी सभी मिल में पेराई कार्य खत्म हो चुका है। जींद के बाद सबसे ज्यादा पानीपत मिल में 181 दिन, सोनीपत 180 दिन, करनाल शुगर मिल 177 दिन, कैथल मिल 174 दिन, महम मिल 159 दिन, शाहबाद 158 दिन, पलवल 157, गोहाना मिल 150 दिन, रोहतक मिल में 146 दिन पेराई सत्र चला।

31 मार्च तक की हुई पेमेंट

शुगर मिल ने 31 मार्च तक खरीदे गए गन्ने की पेमेंट कर दी है। अप्रैल व मई में खरीदे गन्ने की पेमेंट होनी बाकी है। शुगर मिल के एमडी राजेंद्र कुमार का पिछले दिनों ट्रांसफर हो गया है। उनके बाद यहां एमडी की नियुक्ति नहीं हुई है। एमडी ना होने के कारण पेमेंट के भुगतान में देरी हो रही है। केन मैनेजर ने बताया कि जल्द ही किसानों की बकाया पेमेंट का भुगतान किया जाएगा।

chat bot
आपका साथी