साधु के वेश में रावण का सीता हरण का किया मंचन
श्रीरामा भारतीय कला केंद्र के तत्वावधान में हुडा ग्राउंड में चल रही रामलीला के सातवें दिन सीता हरण का मंचन किया गया।
संवाद सूत्र, नरवाना : श्रीरामा भारतीय कला केंद्र के तत्वावधान में हुडा ग्राउंड में चल रही रामलीला सातवें दिन चरम बिदु पर पहुंच गई। लीला के शुभारंभ पर मुख्यातिथि के रूप में पूर्व नप चेयरमैन प्रतिनिधि हंसराज समैण, समाजसेवी दरवेश पूनिया और डा. पंकज गर्ग ने शिरकत की। हंसराज समैण व दरवेश पुनिया ने कहा कि रामलीला प्राचीन गौरवमयी संस्कृति की संवाहक है। नई पीढ़ी रामायण के आदर्श पात्रों से प्रेरणा लें। आज के प्रमुख प्रसंगों में शूर्पणखा-रावण संवाद, रावण-मारिच संवाद, मारिच का स्वर्ण मृग बनकर माया रचना, सीता-लक्ष्मण संवाद, मारिच वध व सीता हरण प्रमुख रहे। शूर्पणखा के अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए रावण मारिच को स्वर्ण मृग बनने के लिए कहता है। सीता उस मृग की इच्छा जताती है, पहले राम और फिर लक्ष्मण मृग के पीछे जाते है। लक्ष्मण जाने से पहले रेखा खींचता है और सीता को उससे बाहर जाने के लिए मना करता है। साधु के वेश में रावण सीता को उकसा कर उसका हरण कर लेता है। रावण की भूमिका वेद अरोड़ा, हनुमान-मंजीत गौरा, बुढ़े मारीच के अभिनय में मेहर चंद, सुग्रीव-प्रेम अरोड़ा, बाली कमल-मोयल, शूर्पनखा-हिमांशु गोयल ने निभाई। इनके अलावा भारत भूषण गर्ग, राकेश शर्मा, अचल मित्तल, सुशील कुमार, महाबीर जैन, अमृत लाल उझाना, सुरेंद्र पेंटर, विनोद चितारा, कुलदीप आरती भी मौजूद रहे।