प्राथमिक उपचार तक सिमटा का नागरिक अस्पताल, 200 बेड के अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी

जागरण संवाददाता, जींद : मुख्यालय पर स्थित नागरिक अस्पताल प्राथमिक उपचार तक ही सिमटकर रह ग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 11:09 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 11:09 PM (IST)
प्राथमिक उपचार तक सिमटा का नागरिक अस्पताल, 200 बेड के अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी
प्राथमिक उपचार तक सिमटा का नागरिक अस्पताल, 200 बेड के अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी

जागरण संवाददाता, जींद : मुख्यालय पर स्थित नागरिक अस्पताल प्राथमिक उपचार तक ही सिमटकर रह गया है। अस्पताल में स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी के चलते गंभीर बीमारियों के मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा है। केवल बुखार से पीड़ित व मामूली चोट लगे मरीजों को ही उपचार मिल पा रहा है। 200 बेड के अस्पताल में फिजिशियन, रेडियोलॉजिस्ट, स्किन विशेषज्ञ और मनोरोग स्पेशलिस्ट, आई सर्जन डॉक्टर नहीं है। करीब छह माह पहले नियुक्त हुए ऑर्थो सर्जन संतलाल बैनिवाल का भी छह सितंबर को तबादला फतेहाबाद हो गया है, लेकिन फिलहाल उनको यहां से रिलीव नहीं किया। स्पेशलिस्ट डाक्टर नहीं होने के कारण प्रतिदिन 20 से 30 मरीजों को पीजीआइ रोहतक रेफर किया जा रहा है या मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगा इलाज लेना पड़ रहा है।

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1500 के करीब हो रही ओपीडी

नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए करीब 1500 मरीज प्रतिदिन पहुंचते है। जहां पर पहुंचने वाले मरीजों को केवल टेस्ट लिखकर नॉर्मल इलाज ही मिल पाता है। सबसे ज्यादा ओपीडी गायनी वार्ड व दंत विभाग में हो रही है। उन्हें इलाज के लिए मजबूरन पीजीआई या फिर दूसरे जिलों में जाना पड़ता है। हालांकि अस्पताल में गायनोकोलॉजिस्ट का पद खाली है, फिर भी लेडी डॉक्टर होने के कारण डिलीवरी के लिए महिलाएं नागरिक अस्पताल में ज्यादा संख्या में आ रही हैं।

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फिजीशियन जुलाना से, नेत्र सर्जन आ रहा नरवाना से

नागरिक अस्पताल में फिजीशियन का पद खाली होने के कारण जुलाना में कार्यरत एसएमओ डॉ. नरेश वर्मा सप्ताह में मंगलवार व बुधवार को नागरिक अस्पताल में पहुंचकर मरीजों का इलाज के अलावा मेडिकल बोर्ड में बैठना पड़ता है। इसके अलावा आंखों का सर्जन नहीं होने के चलते नरवाना में कार्यरत डॉ. ¨बदलिश भी सप्ताह में दो दिन आंखों का आपरेशन करने के लिए नागरिक अस्पताल में आते है। इससे पहले केवल तीन नेत्र सहायकों के सहारे ही नेत्र वार्ड को चलाया जा रहा है।

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एक सप्ताह में चार डाक्टरों का तबादला

जिले में फिलहाल डॉक्टरों के स्वीकृत कुल 198 पदों पर सिर्फ 64 डॉक्टर हैं। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में 55 स्वीकृत पदों पर सिर्फ 17 डॉक्टर कार्यरत हैं। सीएचसी और पीएचसी में स्वीकृत अधिकतर पद खाली पड़े हैं। पिछले एक सप्ताह में नागरिक अस्पताल से चार डाक्टरों का तबादला हो चुका है। इसमें आई सर्जन डॉ. गिन्नी लांबा, डॉ. विकास के तबादले हो गया। जबकि ऑर्थो सर्जन संतलाल बैनिवाल का फतेहाबाद व रेडियोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष कुमार का तबादला यमुनानगर में हो गया है।

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रेडियोलॉजिस्ट ने नहीं दी एक दिन भी सेवाएं

रेडियोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष की नियुक्ति 28 अगस्त को जींद के नागरिक अस्पताल में हुई थी। जहां पर ड्यूटी ज्वाइन करते ही डॉ. आशुतोष कुमार छुट्टी ले गए और उसके बाद ड्यूटी पर उस समय आए जब उनका तबादले के आर्डर यमुनानगर के नागरिक अस्पताल में हो गए। जहां से तबादला आर्डर होते ही रिलीव हो गए। नागरिक अस्पताल में कई साल से रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली पड़ा हुआ है। इस कारण अल्ट्रासाउंड वाले कमरे पर ताला लटका हुआ है और लाखों रुपये की मशीन पर धूल की परत चढ़ गई है। ऐसे में मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में महंगे दामों पर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ता है।

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नागरिक अस्पताल में डाक्टरों की कमी के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया हुआ है। जितने भी डाक्टर है वह अपनी बेहतर सेवाएं दे रहे है और मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो यही प्रयास रहता है।

डॉ. राजेश भोला, एमएस नागरिक अस्पताल जींद

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