जींद के रोडवेज डिपो में कंडक्टरों की कमी, अब चालक काटेंगे टिकट

रोडवेज जींद डिपो में परिचालकों के पद खाली होने के कारण ग्रामीण रूटों पर सुचारू रूप से बस नहीं चल रही हैं। जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 10:55 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 10:55 PM (IST)
जींद के रोडवेज डिपो में कंडक्टरों की कमी, अब चालक काटेंगे टिकट
जींद के रोडवेज डिपो में कंडक्टरों की कमी, अब चालक काटेंगे टिकट

जागरण संवाददाता, जींद : रोडवेज जींद डिपो में परिचालकों के पद खाली होने के कारण ग्रामीण रूटों पर सुचारू रूप से बस नहीं चल रही हैं। जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। जिले में रोडवेज में परिचालकों के 46 पद खाली हैं, जिसके कारण ग्रामीण रूटों के चक्कर मिस हो रहे हैं। महाप्रबंधक ने दूसरे डिपो से परिचालक भेजने के लिए लिखा हुआ है। जब तक परिचालक नहीं मिल जाते, चालकों से परिचालकों वाला काम लिया जाएगा। मुख्यालय से अनुमति लेकर 15 चालकों को परिचालक के तौर पर टिकट काटने का काम सौंप दिया है। ये चालक काउंटरों पर बैठकर एडवांस टिकट काटेंगे। वहीं तीन महिला परिचालकों को भी अब रूटों पर उतार दिया है। गौरतलब है कि किलोमीटर स्कीम की बसें जींद डिपो में शामिल होने और वरिष्ठ परिचालकों के प्रमोट होकर इंस्पेक्टर बनने के बाद से जींद डिपो में परिचालकों की संख्या लगातार घट रही है। किलोमीटर स्कीम की बस पर चालक निजी बस आपरेटर का होता है और परिचालक रोडवेज का होता है। जींद डिपो में 156 बसें चल रही हैं, जिनमें किलोमीटर स्कीम की 37 बसें शामिल हैं। इन बसों पर 37 परिचालक रोडवेज के हैं। 10 से ज्यादा वरिष्ठ परिचालक पदोन्नति पाकर इंस्पेक्टर बन गए हैं। ओवरटाइम के दौरान एक बस पर 1.4 कर्मचारियों की ड्यूटी रहती थी। ओवरटाइम समाप्त होने के बाद औसतन एक बस पर 1.6 कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित की गई। ओवरटाइम हटाने के बाद परिचालक से सप्ताह में 48 घंटे की ड्यूटी ली जा रही है। जिसके अनुसार हर रोज आठ घंटे की ड्यूटी या लगातार चार दिन 12 घंटे ड्यूटी के बाद तीन दिन रेस्ट दिया जाता है। जब भी परिचालक रेस्ट पर होता है, तो बसों के चक्कर मिस हो जाते हैं। जींद से शामलो-रामकली, घोघड़ियां, खरैंटी, गोहियां मांडी, पिल्लूखेड़ा, कोथ की तरफ जाने वाले ग्रामीण रूटों पर सप्ताह में दो से तीन दिन बसों के चक्कर मिस रहते हैं। विश्वविद्यालय और कालेजों में आने वाले विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। बस पास होने के बावजूद विद्यार्थियों को निजी वाहनों में पैसे देकर स्कूल व कालेज आना पड़ता है।

वरिष्ठ परिचालक बसों में काटेंगे टिकट

एडवांस बुकिग काउटरों पर वरिष्ठ परिचालकों को बैठाया गया था। परिचालकों की कमी के कारण बसें ना रुकें। इसके लिए इन वरिष्ठ परिचालकों को भी रूटों पर भेजा जा रहा है। उनकी जगह एडवांस बुकिग काउंटरों पर टिकट काटेंगे। एडवांस बुकिग टिकट काट रही तीन महिला परिचालक भी अब रूटों पर जा रही हैं। परिचालकों की कमी के कारण ग्रामीण रूटों के साथ-साथ जींद से रोहतक, गोहाना, कैथल, भिवानी रूट पर भी यात्रियों को कई-कई देर में बसें मिल रही हैं।

35 बसें आने के बाद बढ़ेंगी मुश्किलें

जींद डिपो के बेड़े में 35 बसें और शामिल होनी हैं। पहले ही परिचालकों की कमी के कारण परेशानी झेल रहे डिपो में नई बसों के आने के बाद व्यवस्था और बिगड़ेगी। अगर जींद डिपो को और परिचालक नहीं मिलते हैं, तो नई बसों को आनरूट करना मुश्किल होगा। इसलिए नई बसें आने का फायदा यात्रियों को तभी होगा, जब रोडवेज में परिचालकों की संख्या बढ़ेगी।

ये है जींद डिपो में स्थिति

जींद डिपो के दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ परिचालक इंस्पेक्टर के पदों पर पदोन्नत हो गए हैं। वहीं किलोमीटर स्कीम की 37 बसों पर भी रोडवेज परिचालकों की ड्यूटी होने के बाद जींद डिपो में ड्राइवर तो सरप्लस हो गए हैं। लेकिन परिचालकों की कमी हो गई है। जींद डिपो में इस समय करीब 156 बसें चल रही हैं, जिन पर 235 परिचालक हैं। बसों की संख्या के हिसाब से 46 परिचालकों की और जरूरत है।

परिचालकों की पक्की भर्ती करे सरकार

कर्मचारी नेता अनूप लाठर ने सरकार से जल्द पक्की भर्तियां करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को बेहतर परिवहन सुविधा मिले, इसके लिए बसों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ परिचालकों की भी भर्ती की जाए। साथ ही परिचालकों को ई-टिकटिग मशीन दी जाएं। नई बसें आने पर दिक्कत और बढ़ेगी। इसलिए उससे पहले ही सरकार को नए परिचालक भर्ती करने चाहिए।

ग्रामीण रूटों पर शेड्यूल के अनुसार चलें बसें

इनसो नेता मोनू मलिक ने कहा कि स्कूलों के साथ-साथ कालेज व विश्वविद्यालय में भी विद्यार्थी आने लगे हैं। गांवों से ज्यादातर विद्यार्थी शहर आने के लिए बसों पर निर्भर हैं। बसें नहीं आने के कारण उन्हें शहर आने में काफी दिक्कत होती है। इसलिए ग्रामीण रूटों पर शेड्यूल के अनुसार समय पर बसें चलनी चाहिए। बसों व परिचालकों की व्यवस्था कराना रोडवेज प्रबंधन और सरकार का काम है। 15 चालकों को एडवांस बुकिग काउंटर पर बैठाया है

रोडवेज महाप्रबंधक गुलाब सिंह दूहन ने बताया कि परिचालकों की कमी है। इसलिए मुख्यालय से अनुमति लेकर 15 चालकों को एडवांस बुकिग काउंटरों पर बैठाया है। जब तक और परिचालक नहीं मिलते, तब तक के लिए ये व्यवस्था की है। दूसरे डिपो, जहां सरप्लस परिचालक हैं, वहां से डेपुटेशन पर परिचालक लेने के लिए डिमांड मुख्यालय को भेजेंगे।

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