भारत बंद में एक दिन बसें न चलने से रोडवेज को 5 लाख का फटका
जींद कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को किसानों द्वारा किए गए सड़
जागरण संवाददाता, जींद : कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को किसानों द्वारा किए गए सड़क जाम के चलते रोडवेज की परिवहन सेवा तो प्रभावित हुई ही, साथ ही डिपो को 5 लाख रुपये का फटका भी लगा। पहले ही यात्रियों की कमी के कारण डिपो की आमदनी नहीं हो पा रही है, उपर से दो बार हुई किसानों की हड़ताल के कारण भी डिपो के राजस्व पर असर पड़ा है। यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। फिलहाल जींद डिपो से रोजाना 100 बसे निकल रही हैं। शुक्रवार को किसान आंदोलन के चलते रोड जाम किए गए थे, इसलिए बसें किसी भी रूट पर नहीं जा पाई। सुबह और शाम को करीब 25 बसें ही निकल पाई। डिपो की 100 बसें हर रोज 28 हजार किलोमीटर का सफर तय करती हैं, जिससे डिपो को लगभग 7 लाख रुपये की आमदनी होती है। शुक्रवार को मात्र 25 बसें निकलने से डिपो में आमदनी के रूप में केवल एक लाख 80 हजार रुपये ही आए। इससे डिपो को करीब 5 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। ------------
20 सितंबर की हड़ताल में भी हुआ था नुकसान
20 सितंबर को भी किसानों द्वारा कृषि विधेयकों के विरोध में जिलेभर में जाम लगाया गया था। तीन घंटे तक लगाए गए इस जाम में भी डिपो की बसें नहीं चल पाई और करीब 3 लाख रुपये का नुकसान उस हड़ताल के दौरान उठाना पड़ा। लॉकडाउन से पहले डिपो की रोजाना की आमदनी 14 लाख रुपये थे लेकिन उस समय 160 बसें चलती थी। अब 100 बसें ही ऑनरूट हो पा रही हैं।
-------------
वर्जन्:::::::::::
डिपो प्रबंधन का प्रयास है कि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिले। यात्रियों की सुविधानुसार ही ज्यादा से ज्यादा बसों का परिचालन किया जा रहा है। 20 सितबर व 25 सितंबर को किसानों द्वारा लगाए गए जाम के कारण ज्यादा बसों का परिचालन नहीं हो सका। आमतौर पर डिपो की 100 से अधिक बसें ऑनरूट रहती हैं।
-बिजेंद्र हुड्डा, महाप्रबंधक, जींद डिपो।