गुरुओं का फोटो दीवार पर नहीं हृदय में लगाओ : अचल मुनि
सुदर्शन संघ के चातुर्मास के अंतिम दिन कान्हा सेवा सदन में अचल मुनि ने उचाना के नाम जो संदेश दिया है। उसको सिर्फ सुनना नहीं है चुनना भी हैं। चुनकर जीवन में गुनना भी है। संदेश भी उसी को मिलता है तो सुनता है, चुनता है और गुनता है। उन्होंने कहा कि गुरुओं का फोटो दीवार न लगाकर, दिल में लगाएं।
संवाद सूत्र, उचाना : सुदर्शन संघ के चातुर्मास के अंतिम दिन कान्हा सेवा सदन में अचल मुनि ने उचाना के नाम जो संदेश दिया है। उसको सिर्फ सुनना नहीं है चुनना भी हैं। चुनकर जीवन में गुनना भी है। संदेश भी उसी को मिलता है तो सुनता है, चुनता है और गुनता है। उन्होंने कहा कि गुरुओं का फोटो दीवार न लगाकर, दिल में लगाएं।
जैन संत ने कहा कि परिवार का हर सदस्य धर्म ध्यान जरूर करें। चाहे वो माला के रूप में हो या तप, त्याग के रूप में हो। परिवार को इकट्ठे रखने के लिए सभी तालमेल बनाने के लिए रोजाना परिवार के सभी सदस्य संयुक्त प्रार्थना अवश्य करें। प्रार्थना में भी बहुत बड़ी ताकत होती है। जो काम दवा से नहीं होता वो दुआ से हो जाता है। जिन श्रद्धालुओं ने जो नियम ग्रहण किए हैं, उन्हें बखूबी निभाना भी है। सभी व्यसनों से दूर रहे, इस व्यसन ने ही हमारे देश का बंटाधार कर रखा है, गुरु और धर्म पर दृढ़ विश्वास रखें। धर्म कभी गलत नहीं होता, बल्कि धर्म के ठेकेदार लोग गलत होते हैं। मानव जाति का बंटवारा करने वाला धर्म नहीं बल्कि ये इंसान ही है।