सात रुपये रेट निर्धारित करने पर प्राइवेट एंबुलेंस चालकों ने जताया विरोध, मरीजों के लिए सेवाएं रखी जारी
सरकार की ओर से निजी एंबुलेंस के सात रुपये किलोमीटर रेट निर्धारित करने पर मंगलवार को एंबुलेंस चालकों ने विरोध जताया।
जागरण संवाददाता, जींद : सरकार की ओर से निजी एंबुलेंस के सात रुपये किलोमीटर रेट निर्धारित करने पर मंगलवार को एंबुलेंस चालकों ने विरोध जताया, लेकिन कोरोना काल को देखते हुए मरीजों की सुविधा के लिए अपने सेवाएं जारी रखी। एंबुलेंस चालकों का कहना है कि सरकार ने अगर जल्द ही फैसला वापस नहीं लिया तो वह हड़ताल करने से पीछे नहीं हटेंगे।
एंबुलेंस चालकों ने बताया कि जिले में 25 बीएलएस है और तेल व दूसरे खर्चो को मिलाकर उनकी गाड़ी ही सात रुपये किलोमीटर का खर्च आ जाता है। अगर सरकार की ओर से निर्धारित रेट पर एंबुलेंस चलाई तो उनके सामने परिवार पालने की समस्या खड़ी हो जाएगी। इसलिए सरकार ने तुरंत प्रभाव से निर्धारित किए गए रेट को वापस लिए जाए।
निजी एंबुलेंस चालक स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कोरोना महामारी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिले के किसी भी एरिया से 24 घंटे में अगर किसी का फोन आता है तो उस मरीज व गर्भवती महिला को तुंरत ही अस्पताल पहुंचाया जाता है।
प्राइवेट एंबुलेंस एसोसिएशन के पदाधिकारी राजेश सैनी, विनित, वीरेंद्र, मनोज, विनोद, सुनील, हरिकिशन ने बताया कि जिला मुख्यालय पर 13 एंबुलेंस व 12 एंबुलेंस नरवाना, उचाना, सफीदों, जुलाना में तैनात है। फिलहाल डीजल के रेट ही काफी बढ़ गए है। इसके अलावा गाड़ियों के रखरखाव पर भी खर्च ज्यादा आता है। अधिकतर एंबुलेंस पर चालक लगाए गए हैं, इसलिए प्रत्येक माह उनको भी वेतन देना पड़ता है। दूसरी तरफ से गाड़ियों की किश्त भी देनी पड़ रही है। इसलिए सरकार बीएलएस गाड़ी के निर्धारित किए गए सात रुपये किलोमीटर के फैसले को तुरंत वापस लिया। पदाधिकारियों ने बताया कि जिले में फैले कोरोना संक्रमण को देखते हुए बुधवार को हड़ताल नहीं की और अपनी सेवाओं को सुचारू रूप से जारी रखा।