गरीब विरोधी है 1057 स्कूल बंद करने का फैसला

इंडियन नेशनल लोकदल हरियाणा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष वेद सिंह मुंडे ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार किसान के साथ घोर दलित विरोधी भी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Mar 2021 05:15 AM (IST) Updated:Tue, 23 Mar 2021 05:15 AM (IST)
गरीब विरोधी है 1057 स्कूल बंद करने का फैसला
गरीब विरोधी है 1057 स्कूल बंद करने का फैसला

जागरण संवाददाता, जींद : इंडियन नेशनल लोकदल हरियाणा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष वेद सिंह मुंडे ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार किसान के साथ घोर दलित विरोधी भी है। सरकार का 1057 सरकारी स्कूल बंद करने का फैसला दलित व गरीब विरोधी है, क्योंकि सरकारी स्कूलों में ज्यादातर बच्चे जरूरतमंद परिवारों के पढ़ते हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से वे अपने बच्चों को महंगी फीस, किताब-कॉपी व स्कूल ड्रेस नहीं दिला सकते। ऐसे में उन बच्चों की पढ़ाई छूटना निश्चित है। भाजपा का एजेंडा दलितों को अनपढ़ रखने वाला ही है। कैग द्वारा हालिया बजट सत्र के दौरान विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट से साफ पता चलता है उच्चतर शिक्षा, इंजीनियरिग, मेडिकल व आइटीआइ तथा अन्य शिक्षण संस्थाओं में अनुसूचित जाति के छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप का न देना इसका जीता-जागता उदाहरण है। स्कॉलरशिप न मिलने की वजह से बड़ी संख्या में दलित गरीब छात्रों को पढ़ाई छोड़नी पड़ी। कैग की रिपोर्ट आंखें खोलने वाली

वेद मुंडे ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार अनुसूचित जाति के छात्रों को वर्ष 2013-14 में एक लाख 40 हजार 804, वर्ष 2014-15 में एक लाख 38 हजार 837, वर्ष 2015-16 में 18 हजार, वर्ष 2016-17 में 37 हजार 827, वर्ष 2017-18 में 45 हजार 903, वर्ष 2018-19 में 37 हजार 658 विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति मिली। जबकि आवेदन करने वालों की संख्या लाखों में थी। कैग रिपोर्ट के अनुसार उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 21 प्रतिशत दलित बच्चों को छात्रवृत्ति न मिलने की वजह से अपनी शिक्षा बीच में छोड़नी पड़ी। इससे जनता जान गई है कि प्रदेश की गठबंधन सरकार घोर दलित व गरीब विरोधी है।

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