आरटीपीसीआर किट कम होने से बिना सैंपल लौट रहे मरीज

जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं न होने के कारण मरीजों को भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 07:11 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 07:11 AM (IST)
आरटीपीसीआर किट कम होने से बिना सैंपल लौट रहे मरीज
आरटीपीसीआर किट कम होने से बिना सैंपल लौट रहे मरीज

संवाद सूत्र, जुलाना: जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाएं न होने के कारण मरीजों को भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है। एक दिन में केवल 80 से 100 आरटीपीसीआर किट ही मिलती हैं, जबकि सैंपलिग करवाने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा होती है। किट नहीं होने पर मरीजों को बैरंग ही लौटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जुलाना क्षेत्र में 227 कोरोना पॉजीटिव एक्टिव केस हैं। पिछले साल के मुकाबले कोरोना के जुलाना में ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन के लिए भी भटकना पड़ रहा है। रोजाना तीन सिलेंडर ऑक्सीजन ही उपलब्ध होती है, जबकि दस से बारह मरीज दाखिल होते हैं। तीन सिलेंडर भी केवल आठ से दस घंटे ही चल पाते हैं। ऐसे में मरीजों को जींद या रोहतक रेफर किया जाता है। स्वास्थ्य सेवाओं का यह लचर हाल तब है, जब जुलाना क्षेत्र में कोरोना संक्रमण से लगभग 10 मौतें हो चुकी हैं। एक्टिव केस भी दोहरे शतक के पार जा चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों को जांच के लिए किट तक मुहैया नहीं करवाई जा रही हैं। आरटीपीसीआर किट के लिए विभाग को अवगत करवाया गया है जितनी किट विभाग द्वारा मिलती हैं, उतने ही सैंपल किए जा रहे हैं। जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन लगातार पहुंच रही है। मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आने दी जा रही है।

-डा. नरेश वर्मा, एसएमओ जुलाना। छोटे दुकानदारों को भी राहत दे सरकार: विकास मित्तल

संवाद सूत्र, नरवाना : महाराजा अग्रसेन जन सेवा संस्थान के उप प्रधान विकास मित्तल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों और अन्य गरीब वर्ग के लोगों को राशन की सुविधा देना सराहनीय कदम है। छोटे व मंझले दुकानदार के व्यवसाय लॉकडाउन में बंद हैं, उनको किसी प्रकार की राहत सरकार की तरफ से नहीं दी गई है। मध्यम व निम्न वर्गीय परिवारों को भी बिजली-पानी के बिलों की छूट और स्कूलों की फीस माफी जैसे आदेश पारित करके कुछ राहत प्रदान की जाए, ताकि इस वर्ग को इस महामारी के समय कुछ राहत मिल सके।

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