धान का एक दाना नहीं खरीदा, बाजरा उचाना व जुलाना मंडी में सरकारी दाम पर खरीदा जाएगा

जागरण संवाददाता, जींद: जिले में सरकारी धान की खरीद सोमवार से शुरू होनी थी, लेकिन चार दिन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Oct 2018 12:17 AM (IST) Updated:Fri, 05 Oct 2018 12:17 AM (IST)
धान का एक दाना नहीं खरीदा, बाजरा उचाना व जुलाना मंडी में सरकारी दाम पर खरीदा जाएगा
धान का एक दाना नहीं खरीदा, बाजरा उचाना व जुलाना मंडी में सरकारी दाम पर खरीदा जाएगा

जागरण संवाददाता, जींद: जिले में सरकारी धान की खरीद सोमवार से शुरू होनी थी, लेकिन चार दिन बाद भी पीआर धान नहीं खरीदी जा रही है। सरकारी धान खरीद रेट 1750 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है, जबकि मंडी में 1509 धान अभी 2400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसान बेच रहे हैं। आढ़ती बोली करवाते समय किसानों के साथ आंख मिचौली खेलकर इनके दाम कम ज्यादा कर देते है। आढ़ती ढेरी छोड़कर अगली ढेरी पर चले जाते हैं और दो दिन तक वह वहीं पड़ी रहती है। अभी मंडी में किसान 1509 धान ही लेकर आ रहे हैं।

इसी तरह जींद अनाज मंडी में बाजरे की खरीद न के बराबर है। सरकार ने रोहतक रोड पर मंडी में बाजरे का खरीद सेंटर नहीं बनाया है। इस वजह किसानों को बाजार बेचने के लिए उचाना व जुलाना में बनाए खरीद सेंटर पर ही जाना पड़ेगा। इससे किसानों के पैसे और समय काफी बर्बाद होगा। अब यहां मंडी में जो भी किसान बाजरा लेकर आ रहा है तो वह आढ़तियों को 1200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचने को मजबूर है, जबकि सरकार ने फसलों में एमएसपी बढ़ाने के बाद बाजरे की खरीद 1950 प्रति ¨क्वटल के हिसाब से रखी है। बाजरे की सरकारी खरीद न होने पर किसानों में रोष तो है, लेकिन वह मजबूरी के कारण कुछ बोल नहीं पा रहे हैं। आढ़तियों द्वारा कम रेट पर बाजरा खरीदने पर जब मार्केट कमेटी अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि यह मंडी बाजरे की खरीद के लिए अलॉट नहीं है। किसान को बाजरा बेचने के लिए उचाना व जुलाना में ही जाना पड़ेगा। कोई किसान मंडी में बेच रहा है तो वह प्राइवेट ही बेच रहा है। बीते वर्ष सिर्फ 2199 क्विंटल बाजरे की आवक हुई थी।

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अभी जो धान मंडी में आ रहा है, वह क्वालिटी का नहीं है। धान की खरीद शुरू होने में अभी समय लगेगा। बरसात होने से कम किसान धान लेकर आ रहे हैं। संभावना है कि 20 के बाद ही मंडी में आवक शुरू हो।

ईश्वर ¨सह रेढू, आढ़ती

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मंडी में दो दिन से धान की ढेरी लगी हुई है। इसे खरीदने पर आढ़ती मनमर्जी कर रहे हैं। रेट के हिसाब से आढ़ती धान नहीं खरीद रहा है। जब बोली के लिए ढेरी के पास आते हैं तो एक-दूसरे की तरफ इशारे कर देते हैं।

नीरज, किसान, गांव जलालपुर कलां।

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बाजरे की खरीद के लिए मंडी अलॉट नहीं है। किसान को सरकारी रेट पर बाजरा बेचने के लिए जुलाना व उचाना की मंडियों में जाना पड़ेगा। यहां जो बाजरा किसान बेच रहा है, वह प्राइवेट बेच रहा है। किसानों से अपील है कि जिस किसान की फसल का पंजीकरण नहीं है वह फसल नहीं बेच सकता। किसान का फसल बेचने के लिए पंजीकरण होना जरुरी है।

संजीव कुमार, सचिव, मार्केट कमेटी, जींद

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