भौंगरा राजकीय स्कूल के पहले प्रधानाचार्य बने ओमदत्त शर्मा

भौंगरा गांव का विद्यालय बीते दो साल से बिना प्राचार्य ही चल रहा था। पिछली सरकार में उचाना से तत्कालीन विधायक प्रेमलता द्वारा ग्रामीणों की मांग पर स्कूल को अपग्रेड करवाया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 08:42 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:42 AM (IST)
भौंगरा राजकीय स्कूल के पहले प्रधानाचार्य बने ओमदत्त शर्मा
भौंगरा राजकीय स्कूल के पहले प्रधानाचार्य बने ओमदत्त शर्मा

संवाद सूत्र, उचाना: भौंगरा गांव का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बीते दो साल से बिना प्राचार्य ही चल रहा था। पिछली सरकार में उचाना से तत्कालीन विधायक प्रेमलता द्वारा ग्रामीणों की मांग पर स्कूल को अपग्रेड करवाया गया था। यहां पर अब विज्ञान संकाय की कक्षाएं चल रही है। यहां पिछले दो साल में विद्यार्थियों की संख्या भी दोगुना हो चुकी है।

ग्रामीणों ने स्कूल के पहले प्रधानाचार्य ओमदत्त शर्मा का फूल मालाओं से स्वागत किया। एसएमसी कमेटी के प्रधान राजबीर चहल के नेतृत्व में गांव की निगरानी कमेटी भी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंची। प्रधानाचार्य ओमदत्त शर्मा ने कहा कि क्षेत्र में विद्यालय का नाम बुलंदियों पर पहुंचाने का कार्य ग्रामीणों, पूरे स्टाफ के साथ मिलकर किया जाएगा। बेटियों की शिक्षा और तकनीकी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस मौके पर सुनील दत्त, सुनील कुमार, अनीता, सुनीता, संजय, सतपाल, मधु, सोनू, मंदीप व मांगेराम मौजूद थे।

20 को ब्लाक स्तर पर मनाई जाएगी वाल्मीकि जयंती

जासं, जींद : प्रदेश सरकार की ओर से 20 अक्टूबर को ब्लाक स्तर पर महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई जाएगी। अनुसूचित जातियां एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के माध्यम से कार्यक्रम की इच्छुक पंजीकृत संस्थाएं 18 अक्टूबर तक अपना प्रस्ताव जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकती हैं। जिला कल्याण अधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि खंड स्तर पर महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाने को लेकर इच्छुक संस्थाओं को सरकार की ओर से निर्धारित बजट भी उपलब्ध करवाया जाएगा। खर्च का भुगतान जिला प्रशासन द्वारा गठित कमेटी की अनुशंसा पर किया जाएगा। खंड स्तरीय आयोजन में जिला प्रशासन की तरफ से प्रतिनिधि भागीदारी करेगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम से संबंधित अधिक जानकारी के लिए जिला कल्याण अधिकारी के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। इच्छुक संस्थाएं व सोसाइटी पंजीकरण एक्ट 1860 या भारतीय ट्रस्ट एक्ट के तहत तीन वर्ष से पहले की पंजीकृत होनी चाहिए।

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