अब अफसरों ने समय पर काम नहीं किया तो जाएगी नौकरी

सेवा का अधिकार नियम अब आम लोगों की जिदगी को आसान बनाने वाला है। दफ्तरों में जाने पर अब उनके काम निर्धारित समय पर होंगे। अधिकारियों को अपनी काम करने की शैली बदलनी होगी। समय पर काम नहीं करने पर जिस अधिकारी व कर्मचारी पर तीन बार पैनल्टी लग जाएगी उसको नौकरी करने के लायक नहीं समझा जाएगा और घर भेज दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 07:00 AM (IST)
अब अफसरों ने समय पर काम नहीं किया तो जाएगी नौकरी
अब अफसरों ने समय पर काम नहीं किया तो जाएगी नौकरी

जागरण संवाददाता, जींद: सेवा का अधिकार नियम अब आम लोगों की जिदगी को आसान बनाने वाला है। दफ्तरों में जाने पर अब उनके काम निर्धारित समय पर होंगे। अधिकारियों को अपनी काम करने की शैली बदलनी होगी। समय पर काम नहीं करने पर जिस अधिकारी व कर्मचारी पर तीन बार पैनल्टी लग जाएगी, उसको नौकरी करने के लायक नहीं समझा जाएगा और घर भेज दिया जाएगा।

हरियाणा सेवा अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने वीरवार को सीआरएसयू के सभागार में जिले के सभी अधिकारियों की बैठक ली। सख्त लहजे में सभी सभी अधिकारियों को चेता दिया कि अब उनको निर्धारित समय पर जनता के काम करने होंगे। सेवा अधिकार अधिनियम के तहत 42 विभागों की 546 सेवाएं अधिसूचित की गई हैं, जिनमें से 277 सेवाएं आनलाइन हैं। अन्य सेवाओं को भी आनलाइन के दायरे में लाया जाएगा। इन सभी सेवाओं के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। इस अधिनियम के तहत ऐसा आटोमैटिक साफ्टवेयर विकसित किया गया है, जो समय पर काम न निपटाने पर उसको सेकेंड अधिकारी के पास भेज देगा। वह अधिकारी 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 5 हजार रुपये तक जुर्माना लगा सकता है। सेकेंड अधिकारी के पास भी समय सीमा पर काम न होने पर केस सीधा कमीशन के पास के चला जाएगा। कमीशन किसी भी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं है। जिस भी अधिकारी या कर्मचारी ने समय पर काम निपटाने में लापरवाही की, उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। जिस अधिकारी पर तीन बार जुर्माना लग गया तो यह समझ लिया जाएगा कि वह सेवा के योग्य नहीं है। वह लोगों की सेवा नहीं कर सकता। सरकार को सिफारिश कर दी जाएगी कि उसे जबरन रिटायरमेंट दे दी जाए या नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाए। यह प्रपोजल सीएम को भेज दिया है, जिस पर जल्द मुहर लगने की उम्मीद है। आयोग की सिफारिश पर सरकार को भी 30 दिन के भीतर निर्णय लेकर आयोग को बताना होगा। आयोग का उद्देश्य टाइम बाउंड, ट्रांसपेरेंसी, अकाउंटेबिलटी को तय करना है। इस मौके पर डीसी नरेश नरवाल, एसपी वसीम अकरम, आयोग की सचिव मीनाक्षी राज, एडीसी साहिल गुप्ता सहित सभी एसडीएम व अधिकारी मौजूद थे। व्यापार मंडल के जिला प्रधान अन्ना रिषभ जैन, नगर प्रधान अनिल अग्रवाल, अन्ना टीम से सुनील वशिष्ठ, भारत भूषण व नकुल शर्मा ने भी अपनी बात रखी।

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--95 फीसद सेवाएं 45 दिन में निपटानी होंगी

सेवा अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि अधिनियम के तहत जिन 546 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है, उनमें से 95 फीसदी सेवाएं 45 दिन में निपटानी होंगी। इंसान के जीवन-मरण के बीच में आने वाली ज्यादातर सेवाओं को इनमें शामिल किया गया है। फिर भी जो जरूरी सेवाएं बाकी हैं, उनको भी समय-समय पर इसमें शामिल किया जाएगा। समय पर काम करने के साथ क्वालिटी आफ सर्विस भी देनी होगी। यानि दफ्तर में जनता के साथ सही तरीके से व्यवहार करना होगा। आयोग की तरफ से लोगों के पास फोन करके भी पूछा जाएगा कि वे संबंधित विभाग के काम से कितना संतुष्ट हैं।

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--किस विभाग का काम अच्छा, किसी ने नहीं उठाया हाथ

रिटायर्ड आईएएस टीसी गुप्ता ने सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत जींद जिले का रिकार्ड दिखाते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में जींद 16वें नंबर पर है और आरटीएस स्कोर यानि काम करने की गति 9.2 प्रतिशत है। गुप्ता ने सभी अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि अब पुराने ढर्रे पर काम नहीं होगा। वे जनता के सेवक हैं। लेकिन खुद को मालिक बना लिया है। इस आदत को बदलना होगा। किसी भी तरह का कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। अधिनियम का साफ्टवेयर अब सबकी कुंडली आनलाइन बता देगा। कुछ भी नहीं छिपेगा। सभी अफसरों की तीन महीने की परफार्मेंस आनलाइन दिखाई गई। गुप्ता ने पूछा कि कोई अधिकारी यह दावा कर सकता है कि किस विभाग का काम अच्छा है। इस पर किसी अधिकारी ने काम नहीं उठाया। इस पर डीसी से कहा कि आपकी टीम ठीक नहीं है।

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--बिजली की सेवाएं बाधित होने पर सख्त एक्शन

सेवा का अधिकार अधिनियम में बिजली निगम को टारगेट पर लिया गया है। लोगों की ज्यादातर शिकायतें इस विभाग से रहती हैं। अब अधिनियम के तहत शहर में बिजली चली जाए तो चार घंटे में ठीक होनी चाहिए, गांव में बिजली चली जाए तो 8 घंटे में ठीक होनी चाहिए। ऐसा न करने पर जेई पर 5 हजार रुपये जुर्माना एसई लगा सकते हैं व आयोग 20 हजार रुपये जुर्माना लगा सकता है। खेत में खंभा गिर गया तो 24 घंटे में ठीक ठीक होना चाहिए। समय पर नहीं बदला तो संबंधित जेई पर एक्शन होगा। बिल या मीटर की शिकायत 10 दिन में नहीं निपटाई तो पैनल्टी लगनी शुरू हो जाएगी।

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--डीडीए से बोले: आपको कुछ नहीं पता

मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कृषि विभाग की सेवाओं के बारे में डीडीए डा. सुरेंद्र मलिक पूछा तो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर गुप्ता ने कहा कि आपका तो बहुत बुरा हाल है। सीड डिस्ट्रीब्यूशन के बारे में 77 फीसद रिजेक्शन के बारे में पूछा तो उस पर भी डीडीए जवाब नहीं दे सके। इस पर भी गुप्ता ने कहा कि आपको कुछ नहीं पता। यू आर नोट प्रीपेयर्ड। सीधा पालेराम कहकर फंस गई डीएसडब्ल्यूओ

विकलांग लोगों की पेंशन देरी से बनने पर जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज बाला से पूछा तो जवाब दिया कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सर्टिफिकेट समय पर वेरिफाई नहीं किए जाते। गुप्ता ने पूछा क्या आपने कभी सीएमओ को बताया है। इस पर सरोज बाला ने कहा कि उन्होंने पालेराम? को कई बार बोला है। कौन पालेराम? कोई क्लर्क है। नहीं सर, डिप्टी सिविल सर्जन हैं। इस पर गुप्ता ने कहा कि डा. पालेराम? ही बोल दीजिए। आप डिप्टी सिविल सर्जन के बारे में ऐसे बात कर रही हैं तो आम लोगों से कैसे बात करती होंगी। फिर गुप्ता ने पूछा कि कितने साल से जींद में पोस्टेड हो। सरोज बाला ने कहा कि चार साल होने को हैं। इस पर गुप्ता ने कहा कि यही दिक्कत है। ठहरा पानी बदबू मारने लगता है। इस पर मैडम सरोज ने कहा कि उन जितना काम कोई नहीं करता। सरल केंद्रों पर गलत आवेदन करने या स्वास्थ्य विभाग की देरी के कारण पेंशन बनाने में देरी होती है।

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पब्लिक हेल्थ वालों के वेतन से पैसे काटो

जब जनस्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की बारी आई तो सीवर ओवरफ्लो की समस्याएं भी समय पर नहीं निपटाई गई थी। नरवाना के गांधी नगर के लोगों ने कहा कि महीनों से सीवर लाइन ओवरफ्लो है। इस पर एक्सईएन कोई सटीक जवाब नहीं दे सके। जींद, सफीदों व नरवाना के तीनों एक्सईएन को एक साथ खड़ा कर दिया गया और पूछा कि कहां जाना चाहते हो। लोगों के काम क्यों नहीं करते? डीसी ने कहा कि जनस्वास्थ्य विभाग ने एक किलोमीटर की लाइन भी सफाई नहीं की है। इस पर गुप्ता ने कहा कि इन लोगों के वेतन से पैसे काटने चाहिए। गुप्ता ने एक्सईएन से पूछा कि क्या सुपर सकर मशीन है। ना में जवाब मिला तो कहा कि खरीदी क्यों नहीं। बकेट मशीन के बारे में पूछा तो बताया कि दो मशीन हैं। गुप्ता ने कहा कि क्या ये मशीन पूजा करने के लिए हैं। सीवर लाइन साफ क्यों नहीं करते।

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--हरियाणा दिवस पर पिछले साल की पेंडिग शिकायतें सहन नहीं होंगी

टीसी गुप्ता ने सभी विभागों के अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि हरियाणा दिवस यानि एक नवंबर तक साल 2020 की सभी समस्याओं का समाधान कर दिया जाना चाहिए। उस दिन के बाद पिछले साल की पेंडिग शिकायतें किसी सूरत में सहन नहीं करेंगे। सबको दंडित किया जाएगा। कूड़ा दो दिन में उठ जाना चाहिए। स्ट्रीट लाइन दस दिन में ठीक हो जानी चाहिए। कस्टमर को भगवान समझना होगा। कई सेवाओं के काम करने के दिन भी घटाए जाएंगे। दूसरे विभागों से डाक्यूमेंट वेरीफाई करने के लिए डिजी लाकर की मदद लेनी शुरू करनी होगी। अब सब कुछ ठीक नहीं है।

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डिप्टी सीएमओ साहब, आपको कुछ नहीं पता

आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित कई बातों के बारे में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के इंचार्ज मेडिकल आफिसर डा. श्याम सुंदर से पूछा तो वे कोई जवाब नहीं दे सके। जब उनसे पूछा कि सरकारी संस्थानों में कितने प्रतिशत बच्चे पैदा होते हैं, इस पर डा. श्याम सुंदर कुछ नहीं बता सके। गुप्ता ने कहा कि आपको कुछ नहीं पता। स्पेशलिस्ट का अलग काडर बना दिया गया है, इस बारे में भी डा. श्याम को जानकारी नहीं थी।

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लोग इस मेल आईडी पर दें शिकायत

सरकारी विभागों में समय पर काम न होने पर अब लोग सीधा सेवा अधिकार आयोग को ------------ आइडी पर मेल भी कर सकते हैं। आयुक्त ने कृषि विभाग, हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिग बोर्ड, वेलफेयर आफ एससी-बीसी, एचएसवीपी, स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागों के अधिकारियों को सुधार के लिए कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 10 में से 9.5 से अधिक स्कोर हो और फीडबैक में 5 में से 4 अंक होने चाहिए। इसके लिए विभाग गंभीरता से कार्य करें।

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डीसी बोले: जिले की रैंकिग में सुधार लाएंगे

डीसी नरेश नरवाल ने कहा कि सेवा का अधिकार आमजन के जीवन के सभी पहलुओं को छूता है। इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य यही है कि आमजन को सरकार की योजनाओं का लाभ पारदर्शिता, सुगमता व समबद्घता के साथ मिले। जिला में प्रशासन पूरी तरह से कटिबद्ध है कि सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी पारदर्शिता व धरातल स्तर पर हो। पात्र व्यक्ति को इनका लाभ मिले। उन्होंने आयोग के मुख्य आयुक्त को भरोसा दिया कि वे सभी दिशा-निर्देशों की पूर्ण अनुपालना करवाएंगे और जिले की रैंकिग में निश्चित रूप से सुधार लाया जाएगा।

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