नगर परिषद कार्यालय में पार्षद और ईओ के बीच हुई नोक-झोंक

महिला पार्षदों की जगह उनके प्रतिनिधि आने पर शुरू हुई रार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:40 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 07:40 AM (IST)
नगर परिषद कार्यालय में पार्षद और ईओ के बीच हुई नोक-झोंक
नगर परिषद कार्यालय में पार्षद और ईओ के बीच हुई नोक-झोंक

सब हेडिग : महिला पार्षदों की जगह उनके प्रतिनिधि आने पर शुरू हुई रार

फोटो- 24 संवाद सूत्र, नरवाना : नगरपरिषद कार्यालय में शुक्रवार को हुई पार्षदों की बैठक में पार्षद और ईओ के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। बैठक का एजेंडा पिछली बैठक की कार्रवाई की पुष्टि बारे, शहर के विकास कार्यों के बारे में विचार-विमर्श करने तथा अन्य मुद्दों को लेकर था। विशेष बैठक का समय सुबह 11 बजे रखा गया था। बैठक में शहर के 23 वार्डों के पार्षद या उनके प्रतिनिधि मौजूद थे। वहीं वार्ड नं 14 की पार्षद सुमन देवी बैठक में आई हुई थी। जबकि अन्य महिला पार्षद नहीं आई थी। लेकिन बाद में चेयरपर्सन सुनीता चोपड़ा बैठक में आई थी। बैठक शुरू करने से पहले नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी डा. अरविद बाल्याण ने सभी वार्डों के पार्षदों व उनके प्रतिनिधियों को कहा कि बैठक तब शुरू होगी, जब बैठक में चुने हुए ही पार्षद मौजूद होंगे। पार्षदों के पति या उनके रिश्तेदार इस बैठक में नहीं होंगे। ईओ डा. अरविद बाल्याण के यह कहने पर एक-दो पार्षद भड़क गये और उन्होंने इस बात का विरोध किया। ईओ ने कहा कि जो भी सरकार के नियम होंगे, उसके अनुसार चुने हुए पार्षद ही उपस्थित रह सकते हैं। जब तक चुने हुए पार्षद नहीं आएंगे, वे बैठक शुरू नहीं करेंगे। इस पर पार्षद व ईओ के बीच काफी नोक-झोंक हो गई। इसके बाद ईओ बैठक से बाहर आ गये। उनके बिना पार्षदों की बैठक होती रही। हालांकि बैठक में प्रस्ताव तो पास हुए, लेकिन जब तक ईओ के हस्ताक्षर नहीं होंगे, तो वे मान्य नहीं हो सकते। चुने हुए पार्षदों की बात का समर्थन करते हुए कुछ पार्षदों ने कहा कि जब सरकार ने महिलाओं को अपनी बात रखने के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण दिया हुआ है, तो उनको भी अपनी बात रखने का अधिकार है। ऐसे में बैठक में चुने हुए पार्षद ही आने चाहिए, ताकि महिलाओं को समान अधिकार मिल सके। हाउस की मिटिग में चुने हुए पार्षदों को बुलाने की बात कही थी। जिस पर पार्षद भड़क गये। वह सरकारी अधिकारी हैं, नियमों की पालना करना उनका कर्तव्य है। अगर वह नियमों की पालना नहीं करेंगे, तो उनको ही परेशानी हो सकती है।

-डा. अरविद बाल्याण, ईओ, नगरपरिषद, नरवाना। चुने हुए पार्षदों को बैठक में बुलाने की बात जायज है। लेकिन पीछे भी बैठक में पार्षद पति या उनके प्रतिनिधि ही आ रहे हैं। जो चल रहा है, इसमें तो अधिकारी ही बदलाव ला सकते हैं।

--राजू प्रजापत, उप चेयरमैन, नगरपषिद, नरवाना।

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