एटीएम में नहीं सुरक्षा, कार्ड धारकों की गोपनीयता रहती है खतरे में
चौबीस घंटे नकदी आहरण की सुविधा के लिए विभिन्न बैंकों ने क्षेत्र में एटीएम की सुविधा तो उपलब्ध करवा दी लेकिन एटीएम मशीन की सुरक्षा व एटीएम कार्ड धारकों की गोपनीयता को लेकर किसी बैंक प्रबंधन की ओर से अब तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : चौबीस घंटे नकदी आहरण की सुविधा के लिए विभिन्न बैंकों ने क्षेत्र में एटीएम की सुविधा तो उपलब्ध करवा दी लेकिन एटीएम मशीन की सुरक्षा व एटीएम कार्ड धारकों की गोपनीयता को लेकर किसी बैंक प्रबंधन की ओर से अब तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिले में निजी व सरकारी बैंकों के करीब 120 एटीएम सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन निजी बैंकों को छोड़कर एटीएम की सुरक्षा के लिए एक भी सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति नहीं किए गए हैं। सुरक्षा गार्ड के अभाव में अक्सर एक से अधिक व्यक्ति एक साथ नकदी आहरित करने के लिए एटीएम कक्ष में प्रवेश हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में ग्राहक सुरक्षा दांव पर लगी रहती है। नवंबर तक एटीएम से पैसे निकलाने के करीब 345 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें अधिकतर एटीएम बदलकर व सीक्रेट कोड चोरी करके चूना लगाने के मामले हैं। क्षेत्र में हो रही एटीएम मशीन से छेड़छाड़ की घटनाओं के बाद भी बैंक प्रबंधन एटीएम की सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे है। एटीएम की सुरक्षा के लिए पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारियों की ओर से भी बैंक प्रबंधन को अपने समस्त एटीएम पर अनिवार्य रूप से सुरक्षा गार्ड रखने, एटीएम कक्ष के अंदर व बाहर उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगवाने सहित सुरक्षा के अन्य प्रबंध करने के लिए भी निर्देशित किया हुआ है। बावजूद इन सब के एटीएम की सुरक्षा को लेकर बैंक प्रबंधन लापरवाही बरत रहा हैं। एसएसपी अश्विन शैणवी ने कहा कि बैंकों को सुरक्षा गार्ड तैनात करने के निर्देश दिए हुए हैं, जल्द ही बैंक अधिकारियों की बैठक ली जाएगी।
इसलिए गंभीर नहीं हैं अफसर
एटीएम के संचालन और मेंटेनेंस के लिए एजेंसियों का चयन सीधे बैंकों के मुख्यालय से होता है। इसलिए एटीएम पर तैनात सुरक्षा गार्डों का सत्यापन होता है कि नहीं, वह ड्यूटी पर रहते हैं कि नहीं, इसको लेकर स्थानीय अधिकारी बहुत गंभीर नहीं होते। कुछ अफसर कहते हैं कि एटीएम में सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन लगे होते हैं। इससे उसमें छेड़छाड़ होने पर सीधे मुख्यालय से अलर्ट का मैसेज आ जाता है।
बैंक के साथ ही बंद हो जाते हैं अधिकतर एटीएम
बैंकों द्वारा एटीएम की 24 घंटे सुविधा देने का दावा किया जाता है, लेकिन सुरक्षा गार्ड नहीं होने के कारण शाखाओं के साथ चलने वाले एटीएम दिन के समय ही चलते है। शाम को बैंक बंद होने के साथ ही इन एटीएम के शटर को बंद कर दिया जाता है। इसके कारण एटीएम की सुविधा लेने के लिए उपभोक्ताओं को निजी बैंकों की एटीएम की तरफ रुख करना पड़ता है। शहर में 80 प्रतिशत एटीएम शाम को पांच से छह बजे ही बंद हो जाते हैं।
एटीएम लगाने के नियम
- एटीएम पर पुख्ता सुरक्षा होनी चाहिए।
- आबादी वाले इलाके में एटीएम होना चाहिए, सुनसान इलाके में नहीं।
- सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए।
- एटीएम में हर समय पर्याप्त कैश होना चाहिए।
- उपभोक्ता के खड़े होने व बाहर वेटिग के लिए पर्याप्त स्थान।
- पैसे निकालते समय उपभोक्ता की गोपनीयता कायम रहे।