छोटूराम किसान शिक्षा समिति में चल रहे विवादों के समाधान के लिए 15 को होगी मीटिग

संस्था के आपसी विवाद के कारण छह साल से लगा है प्रशासक आर्थिक संकट के कारण एक साल से वेतन नहीं मिला

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 07:20 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 07:20 AM (IST)
छोटूराम किसान शिक्षा समिति में चल रहे विवादों के समाधान के लिए 15 को होगी मीटिग
छोटूराम किसान शिक्षा समिति में चल रहे विवादों के समाधान के लिए 15 को होगी मीटिग

संस्था के आपसी विवाद के कारण छह साल से लगा है प्रशासक

आर्थिक संकट के कारण एक साल से स्कूल स्टाफ को नहीं मिला वेतन जागरण संवाददाता, जींद : छोटूराम किसान शिक्षा समिति के जाट स्कूल के स्टाफ को पिछले करीब एक साल से वेतन नहीं मिला है। जिसके रोष स्वरूप स्टाफ स्कूल में धरना दे रहा है। इस मामले में शुक्रवार को स्कूल स्टाफ आसपास के गांवों के सरपंचों और गणमान्य लोगों के साथ डीसी डा. आदित्य दहिया से भी मिला। डीसी ने स्टाफ को उचित कार्रवाई करते हुए जल्द उनका समाधान निकलवाने का आश्वासन दिया। उसके बाद स्कूल में गणमान्य लोगों की मीटिग हुई। जिसमें सामने आया कि जाट संस्था में जो काफी समय से विवाद चल रहा है। उससे समाज की छवि धूमिल हुई है। संस्था के स्कूल व कालेज में इसी वजह से छात्र संख्या भी कम हो गई है। आर्थिक संकट के कारण स्टाफ को एक साल से वेतन नहीं मिल पा रहा। बिगड़े हालातों को ठीक करने के लिए 15 नवंबर को सुबह नौ बजे जाट स्कूल में मीटिग बुलाई गई है। जिसमें जिलेभर से समाज के गणमान्य व्यक्तियों को बुलाया जाएगा। संस्था को आगे बढ़ाने और जो विवाद चल रहे हैं, उन्हें दूर करने के लिए इस मीटिग में फैसले लिए जाएंगे। शुक्रवार को मीटिग में दरिया सिंह दरियावाला से, सरपंच प्रतिनिधि हरपाल सिंह ईक्कस, बीरभान ईक्कस, डा. रमेश जुलानी, राजा पटवारी जाजवान, जयनारायण जैलदार, मास्टर अमर सिंह, टेकराम, रामदिया भैण, सुरजीत अलेवा, धूपसिंह, कृष्ण नंबरदार, कुलदीप झांझ मौजूद रहे। संस्था पर लगा हुआ है प्रशासन

शहर की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था छोटूराम किसान शिक्षा समिति पर छह साल से प्रशासन लगा हुआ है। संस्था की सदस्यता को लेकर आपसी खींचतान चल रही है और मामला कोर्ट में है। पहले संस्था के माध्यम से चंदा आता था, जिससे व्यवस्था चलती थी। लेकिन प्रशासन लगा होने के कारण चंदा भी नहीं आ रहा। साथ ही छात्र संख्या भी लगातार घट रही है। शहर में संस्था के तीन स्कूल हैं, जिनमें करीब 900 विद्यार्थी हैं। कोरोना के चलते इस साल केवल 350 विद्यार्थियों की ही फीस आई। जिससे परेशानी और बढ़ गई। वहीं, मैनेजमेंट द्वारा कर्मचारियों का ईपीएफ का शेयर जमा नहीं करने पर भी जुर्माना लग चुका है। जिससे भी व्यवस्था बिगड़ी। कालेज प्राचार्य से भी मिले लोग

स्कूल स्टाफ के वेतन के मामले में संस्था के जाट कालेज के प्राचार्य डा. राममेहर रेढू से भी गणमान्य लोग मिले। प्राचार्य से कालेज की तरफ से आर्थिक मदद करने को लेकर चर्चा की। कालेज अपने मैनेजमेंट फंड से पैसा दे सकता है, लेकिन मैनेजमेंट फंड में कालेज के पास पैसा नहीं है। प्राचार्य राममेहर रेढू ने बताया कि बाकी किसी फंड से पैसा देने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग से अनुमति लेनी होगी। ऐसे में कालेज से भी आर्थिक मदद मिलना मुश्किल है। वहीं संस्था की आइटीआइ से फंड दिया जाता है, तो वहां स्टाफ को वेतन देने में दिक्कत आ सकती है।

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