भगवान महावीर जैन सर्व सेवा संघ सोसायटी के एडमिनिस्ट्रेटर बने पीसी जैन

फर्म एंड सोसायटी के जिला रजिस्ट्रार ने शहर की 55 साल पुरानी भगवान महावीर जैन सर्व सेवा संघ सोसायटी के लिए प्रशासक नियुक्त कर दिया है। लंबे समय से विवादों में चल रही सोसायटी का कामकाज पटरी पर लाने की जिम्मेदारी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के रिटायर्ड सीनियर मैनेजर पीसी जैन को सौंपी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 06:35 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 06:35 AM (IST)
भगवान महावीर जैन सर्व सेवा संघ सोसायटी के एडमिनिस्ट्रेटर बने पीसी जैन
भगवान महावीर जैन सर्व सेवा संघ सोसायटी के एडमिनिस्ट्रेटर बने पीसी जैन

जागरण संवाददाता, जींद:

फर्म एंड सोसायटी के जिला रजिस्ट्रार ने शहर की 55 साल पुरानी भगवान महावीर जैन सर्व सेवा संघ सोसायटी के लिए प्रशासक नियुक्त कर दिया है। लंबे समय से विवादों में चल रही सोसायटी का कामकाज पटरी पर लाने की जिम्मेदारी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के रिटायर्ड सीनियर मैनेजर पीसी जैन को सौंपी गई है।

शहर के जैन समाज के मौजिज लोगों ने वर्ष 1965-66 में रामराय गेट पर 400 गज जगह लेकर जैन कन्या पाठशाला शुरू की थी। दस साल तक सुदर्शन जैन को स्कूल का संचालन कर रही सोसायटी का प्रधान बना दिया था। एडवोकेट आरके जैन ने बताया कि सोसायटी ने आरा रोड पर सवा एकड़ जमीन लेकर हाई स्कूल शुरू किया था। दोनों स्कूल 2010 तक चलते रहे, लेकिन उसके बाद बंद हो गए। आरके जैन ने बताया कि वर्ष 2013-14 में सुदर्शन जैन ने पुराने स्कूल की 400 गज जगह के 100-100 गज के प्लॉट बनाकर बेच दिए और राशि को पत्नी के नाम ट्रांसफर करा लिया। इसके बाद सुदर्शन ने 2019 में अपना निजी ट्रस्ट बना लिया, जिसमें वह खुद, पत्नी व बेटे को शामिल कर लिया। आरा रोड के स्कूल की जमीन पर भी उसी ट्रस्ट में ट्रांसफर कर वाली। आरके जैन ने बताया कि वह इस मामले को कोर्ट में लेकर गए। बाद में समाज के समझौते पर सुदर्शन जैन ने निजी ट्रस्ट को तुड़वा दिया और पुराने स्कूल बेचने से मिली राशि भी खाते में जमा करा दी है। अब सोसायटी के चुनाव की तैयारी चल रही थी, तो जिला रजिस्ट्रार ने प्रशासक नियुक्त कर दिया है। वहीं, जैन समाज के मौजिज व्यक्ति नवनियुक्त प्रशासक पीसी जैन ने बताया कि उन्होंने सोसायटी का कामकाज संभालने के लिए सुदर्शन जैन को चिट्ठी लिख दी है। सोसायटी के सभी कागज हाथ में आने के बाद सभी सदस्यों की सूची और रिकॉर्ड को अंतिम रूप दिया जाएगा। पीसी जैन ने कहा कि सोसायटी की सारी जमीन अब प्रशासक के अधीन है। उनकी अनुमति के बगैर अब इस जमीन का कोई लेने-देन नहीं हो सकता।

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