जींद के हर गांव में बनेगा कोविड आइसोलेशन सेंटर, घर-घर होगा सर्वे

जींद के गांवों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने रोडमैप तैयार कर लिया है। हर गांव में कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 08:48 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 08:48 AM (IST)
जींद के हर गांव में बनेगा कोविड आइसोलेशन सेंटर, घर-घर होगा सर्वे
जींद के हर गांव में बनेगा कोविड आइसोलेशन सेंटर, घर-घर होगा सर्वे

जागरण संवाददाता, जींद: जिले के गांवों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने रोडमैप तैयार कर लिया है। हर गांव में कोविड आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा। गांव स्तर पर कोविड मरीजों की पहचान करने के लिए दो कमेटियां बनाई जाएंगी। ये कमेटियां घर-घर जाकर सर्वे करेंगी। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण होंगे, उनके सैंपल लेकर इलाज शुरू कराया जाएगा। दैनिक जागरण ने गांवों में बुखार से लगातार हो रही मौतों पर कई खबरें प्रकाशित की थी। डीसी डा. आदित्य दहिया ने इस पर संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग और पंचायत विभाग को गांवों में कोरोना रोकने के लिए पूरी योजना बनाने का आदेश दिया। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजकुमार चांदना ने बताया कि गांव स्तर पर पर जल्द ही दो कमेटियां गठित कर दी जाएंगी।

पहली कमेटी हर व्यक्ति का भरेगी प्रोफार्मा

पहली कमेटी में आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व स्कूल अध्यापक के साथ बीडीपीओ कार्यालय का प्रतिनिधि भी शामिल किया जाएगा। यह कमेटी गांव में घर-घर जाएंगी और हर व्यक्ति का सामान्य व कोविड लक्षण से संबंधित जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा में भरेगी। इस जानकारी को गांव स्तर की दूसरी कमेटी जिसमें स्वास्थ्य विभाग का प्रतिनिधि शामिल होगा, पहली कमेटी द्वारा जुटाई जानकारी जुटाई को दूसरी कमेटी ऑनलाइन करेगी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी शामिल होगा। दूसरी कमेटी के आधार पर गांव के व्यक्ति में जिस प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं, उसके घर द्वार पर ही चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई जाएंगी।

खंड स्तर पर बनेगी कमेटी

खंड स्तर पर एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें बीडीपीओ नोडल अधिकारी होंगे और पंचायती राज विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी सदस्य होंगे। इसके साथ सदस्यों में स्वास्थ्य विभाग का एक डॉक्टर भी शामिल होगा। इस पूरे कार्य की देख रेख के लिए डीसी की अध्यक्षता में जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जिसमें जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुख्य रूप से शामिल होंगे। वह जिले के गांव में इस पूरे सर्वेक्षण पर गांव की मॉनिटरिग करेंगे। बीमार व्यक्ति में जो भी लक्षण पाए जाते हैं, उनको चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाएंगे।

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--सीचसी, पीएचसी इंचार्जों को गांवों में आरटीपीसीआर टेस्टिग के निर्देश

सिविल सर्जन डा. मंजीत सिंह ने मंगलवार को जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी व उपमंडल स्तर के अस्पताल के इंचार्जों को चिट्ठी लिखकर आदेश दिया कि वे अपने अधीन आने वाले सभी गांवों में आरटीपीसीआर की टेस्टिग व सैंपलिग करवाएं। गांवों में बुखार व खांसी के मरीज बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं। लेकिन गांवों के मरीज कोरोना की जांच नहीं करवा रहे हैं। सीएचसी व पीएचसी के अधीन गांवों में कोरोना की टेस्टिग नहीं हो रही है। इसलिए जल्द अपने स्तर पर सभी गांवों में आरटीपीसीआर टेस्टिग शुरू करवाएं।

मेहरड़ा में 14 दिन में 11 की मौत

जुलाना कस्बे के गांव मेहरड़ा में बीते 14 दिन में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। गांव के पूर्व उपसरपंच चांदराम आर्य ने बताया कि सभी लोग खांसी, बुखार के कारण मर रहे हैं। इनमें से कई को हार्ट अटैक भी आया। मरने वालों में ज्यादातर 50 साल से कम उम्र की महिलाएं व पुरुष हैं। चांदराम ने गांव में कोरोना की सैंपलिग कराने व टीकाकरण का कैंप लगाने की मांग की है।

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