फेक ऑक्सीमीटर ऐप को लेकर जींद पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

इनमें जालसाजी या साइबर क्राइम होने का खतरा पैदा हो सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:40 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:40 AM (IST)
फेक ऑक्सीमीटर ऐप को लेकर जींद पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
फेक ऑक्सीमीटर ऐप को लेकर जींद पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

इनमें जालसाजी या साइबर क्राइम होने का खतरा पैदा हो सकता है। जागरण संवाददाता, जींद : ऑक्सीमीटर ऐप को लेकर जिला पुलिस ने एडवाइजरी जारी करते हुए इससे बचने का आह्वान किया है। एएसपी नीतिश अग्रवाल ने कहा कि स्मार्टफोन के लिए कई फेक ऑक्सीमीटर मोबाइल ऐप इंटरनेट पर सर्कुलेट हो रहे हैं। इनमें जालसाजी या साइबर क्राइम होने का खतरा पैदा हो सकता है। हरियाणा साइबर क्राइम ने लोगों को फेक ऑक्सीमीटर एप और अनके दावों को लेकर सचेत रहने की जरूरत है। इंसान के शरीर में ऑक्सीमीटर का स्तर चेक करने के लिए किसी भी डिवाइस में फिजिकल सीओ2 ब्लड ऑक्सिजन सेंसर होना जरुरी है, अभी किसी भी समार्टफोन में ऐसी सुविधा अपलब्ध नहीं है। यानी सरल शब्दों में केवल समार्टफोन ऐप के जरिए शरीर का ऑक्सीजन लेवल चेक नहीं किया जा सकता। लेकिन फेक ऑक्सीजन ऐप न केवल ऐसा कर सकने का दावा कर रहे है बल्कि तुरंत ही एसपीओ2 रिजल्ट भी दे रहे हैं। साइबर अपराधी महामारी के दौरान अपराध किए जा रहे हैं। कोविड-थीम वाले मोबाइल ऐप, फिशिग अभियान, मैलवेयर और अन्य लिक लोगों के बीच भय और चिता का फायदा उठा रहे हैं। साइबर अपराधियों ने बहुत सी ऐसी ऐप का निर्माण किया है जो ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाने का दावा करती हैं, जबकि ये अपराधी आपके फिगरप्रिट की तलाश में हैं। कुछ लोग बिना जानकारी के नए विकसित नकली ऐप के शिकार हो रहे हैं, जिहे वे गलती से एक सस्ता विकल्प मानते हैं से साइबर ठगी करने वाले अपराधी ई-वॉलेट लेनदेन के लिए पासवर्ड और स्क्रीन लॉक् के लिए उपयोग किए जाने वाले फिगर प्रिट जैसे बायोमैट्रिक डेटा का दुरुपयोग करते हैं। इससे व्यक्तिगत फोटो और डेटा चोरी होने का भी खतरा है।

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