प्रशासक कर रहे अपने चहेतों की नियुक्ति : पूर्व प्रधान अनियमितताओं की जांच से बौखला गए हैं: एसडीएम

शहर की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था छोटूराम किसान शिक्षा समिति के पूर्व प्रधान प्रो. दलबीर खर्ब ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए प्रशासक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 12:02 AM (IST) Updated:Mon, 20 Aug 2018 12:02 AM (IST)
प्रशासक कर रहे अपने चहेतों की नियुक्ति : पूर्व प्रधान
अनियमितताओं की जांच से बौखला गए हैं: एसडीएम
प्रशासक कर रहे अपने चहेतों की नियुक्ति : पूर्व प्रधान अनियमितताओं की जांच से बौखला गए हैं: एसडीएम

जागरण संवाददाता, जींद : शहर की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था छोटूराम किसान शिक्षा समिति के पूर्व प्रधान प्रो. दलबीर खर्ब ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए प्रशासक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व प्रधान ने कहा कि प्रशासक का कार्यकाल पिछले साल पूरा हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें रिलीव नहीं किया गया है।

प्रो. खर्ब ने कहा कि स्टेट रजिस्ट्रार ने पिछले साल प्रशासक को संस्था के चुनाव कराने के लिए कहा था, लेकिन तब सदस्यता सूची तैयार नहीं होने का हवाला देकर चुनावों में देरी की गई। बाद में हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगाई। प्रशासक का संस्थान के हित से कोई लेना-देना नहीं है, उनका ध्यान सिर्फ यहां अपने चहेतों की नियुक्तियां करने पर है। छोटूराम किसान कॉलेज में एमए लोक प्रशासन और एमकॉम प्रथम वर्ष में इस साल एक भी दाखिला नहीं हुआ है। ये दोनों सेल्फ फाइनेंस कोर्स हैं, जिनकी फीस प्रशासक ने 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी है, जिसके कारण किसी विद्यार्थी ने यहां दाखिला लेने में रुचि नहीं ली। इससे दोनों कोर्स बंद होने के कगार पर हैं। उनके ही इशारे पर कॉलेज प्रबंधन ने यूजीसी के नियमों में बदलाव कर क्वालीफाइड दो प्राध्यापिकाओं को हटाकर उनकी जगह अपने चहेतों को लगा दिया गया। इस मौके पर उनके साथ समिति के पूर्व प्रधान ¨सह, कुलदीप ¨पडारा, अमन बुआना, कुलबीर चहल, कर्मपाल ढुल, मुकेश चहल, अजमेर बरसोला, कृष्ण सिहाग, ईश्वर पेगां, बलजीत मौजूद रहे।

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सदस्यता राशि समिति के खाते में जमा कराई

पूर्व प्रधान खर्ब ने उनके विरोधियों द्वारा लगाए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में साल 2008 से लेकर 2014 तक समिति के 11997 सदस्य बनाए। उनकी सदस्यता राशि एक करोड़ 31 लाख, 96 हजार 700 रुपये समिति के खाते में जमा कराए थे। दान में लिए गए करीब साढ़े 27 लाख रुपये भी समिति के खाते में जमा कराई थी। उसकी जांच पहले हो चुकी है। उन्होंने किसी भी सदस्य की सदस्यता रद नहीं की है। सोसाइटी एक्ट के नियमानुसार जिन सदस्यों ने अपने फार्म जमा नहीं कराए, वह अपने फार्म फोटो सहित जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में एक साल में जमा करा सकते हैं।

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आरोपों में दम है, तो कोर्ट में जाएं : एसडीएम

पूर्व प्रधान दलबीर खर्ब के आरोपों को निराधार बताते हुए एसडीएम विरेंद्र सहरावत ने कहा कि संस्था के चुनाव होने तक प्रशासक लगाया गया है। खर्ब के प्रधान रहते हुए जो अनियमितताएं हुई, उनकी वे जांच कर रहे हैं। इससे वे बौखलाए हुए हैं। उन्होंने ऐसे-ऐसे लोगों को नियुक्ति दी हुई थी, जो योग्य नहीं हैं। उनके द्वारा नियुक्त किए गए क्लर्को का टेस्ट लिया गया, तो एक क्लर्क के तो माइनस 65 अंक आए। उन्हें नोटिस दिए गए हैं। सेल्फ फाइनेंस कोर्स में फीस बढ़ोतरी छात्र संख्या कम होने के कारण हुई है। अयोग्य व्यक्तियों की नियुक्ति के कारण ही इन कोर्स में छात्र संख्या कम हुई। नियमानुसार योग्य व्यक्तियों को ही नियुक्ति दी जाएगी। अगर उनके आरोपों में दम है, तो वे कोर्ट जा सकते हैं। जहां तक संस्था के चुनाव की बात है, हाईकोर्ट में स्टे होने से रोक लगी हुई है।

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