अस्पताल में उड़ रही कोविड नियमों की धज्जियां, मरीजों की नहीं हो रही स्क्रीनिग, रामभरोसे व्यवस्था
जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। वहीं सरकारी अस्पताल में कोविड गाइडलाइन की धज्जियां उड़ रही है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा इनके यहां कार्रवाई नहीं की जा रही है। अस्पताल मरीजों की भीड़ लगने पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। यहीं कारण है कि संक्रमण की चेन ब्रेक नहीं हो रही। जिला प्रशासन ने कोविड गाइडलाइन जारी कर रखी है।
जागरण संवाददाता, जींद : जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। वहीं सरकारी अस्पताल में कोविड गाइडलाइन की धज्जियां उड़ रही है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा इनके यहां कार्रवाई नहीं की जा रही है। अस्पताल मरीजों की भीड़ लगने पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। यहीं कारण है कि संक्रमण की चेन ब्रेक नहीं हो रही। जिला प्रशासन ने कोविड गाइडलाइन जारी कर रखी है। जिसका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। लघु सचिवालय व एसपी कार्यालय में काम के सिलसिले में आने वाले लोगों की स्क्रीनिग व सैनिटाइजर से हाथ धुलाए जा रहे हैं, वहीं नागरिक अस्पताल में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। मरीज बिना मास्क के एक दूसरे से सटकर खड़े रहते हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है। मरीज व उनके स्वजन को बिना जांच के ही अस्पताल में प्रवेश दिया जाता है। यहीं लापरवाही खतरा बन सकती है। नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन करीब 1200 के करीब मरीज पहुंच रहे हैं।
गायनी वार्ड में लग रही भीड़
नागरिक अस्पताल के चिकित्सक मरीजों को शारीरिक दूरी रखकर चेकअप कर रहे हैं, लेकिन ओपीडी के बाहर एक दूसरे के सटकर खड़े रहते हैं। अस्पताल के पुराने भवन के गायनी ओपीडी के बाहर गर्भवती महिलाओं की काफी भीड़ लगी हुई थी। जहां पर अपनी बारी का इंतजार कर रही गर्भवती महिलाओं की भीड़ लगी हुई थी। जहां पर अधिकतर महिलाएं बना मास्क के बैठी थी। महिलाओं की इतनी भीड़ थी कि चाहकर भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं कर पा रही थी। वहां पर आउटसोर्सिंग के तहत लगे सुरक्षा कर्मी मौजूद थे, लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं था।
रिपोर्ट के इंतजार में झुंड बनाकर बैठे थे मरीज
चिकित्सकों के परामर्श पर बुखार व दूसरी बीमारियों से ग्रस्त मरीज टेस्ट के लिए सैंपल देकर अपनी रिपोर्ट के इंतजार में घंटों इंतजार करना पड़ता है। मरीज प्रतिदिन नए भवन के मुख्य गेट के सामने रिपोर्ट के इंतजार में झुंड बनाकर बैठ जाती है। मंगलवार को भी दर्जनों महिला मरीज फर्श पर बैठकर ही रिपोर्ट आने का इंतजार करते दिखाई दिए। यहां पर न तो शारीरिक दूरी का पालन था और नही मरीज मास्क लगाए हुए थे। महिलाओं के पास छोटे बच्चे भी कोरोना के डर के बिना इधर से उधर घुमते नजर आए।
आष्युमान कार्ड बनवाने के लगी भीड़
अस्पताल के पुराने भवन में आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए प्रतिदिन मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। मंगलवार को आयुष्मान केंद्र पर लोगों की लाइन लगी हुई थी, लेकिन वहां पर भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा था। कमरे के अंदर बैठे कर्मचारी भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे थे। इस दौरान एक युवक दूरी बनाने का आह्वान करता नजर आया, लेकिन लोगों ने उसकी बात को मानने की बजाए उनको ही लाइन से निकलने के लिए कहने लगे। बाद में युवक ने ही चुप्पी साध ली। बाद में वहां से निकल रहे आउटसोर्सिंग कर्मी से दूरी बनवाने का आह्वान किया तो वह भी एक बार कहकर वहां से निकल गया। बाद में फिर से सभी लोग एक दूसरे से सटकर खड़े हो गए।
कर्मचारियों के आह्वान को कर रहे अनसुना
लोगों को कोरोना से डर तो रहे हैं, लेकिन सचेत नहीं है। ऐसा ही नजारा नए भवन में बने दवा काउंटर पर दिखाई दिया। आउटसोर्सिंग कर्मियों द्वारा कोरोना का डर दिखाने के बाद एक बार तो मरीज दूरी बनाकर लाइन में खड़े हो गए, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद फिर से भूल गए और फिर से एक दूसरे से सटकर खड़े हो गए। इस दौरान काफी मरीज ऐसे थे जो मास्क ही नहीं लगाए हुए थे। बिना मास्क वालों के चालान काटने की पावर अधिकारियों को दी हुई है, लेकिन अब तक एक दिन भी चालान नहीं किए गए।
अकेले शहर में करीब 700 मरीज
जिले में प्रतिदिन औसतन 60 कोरोना के मरीज आ रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा मरीज जींद शहर के मिल रहे हैं। शहर में भी तोपखाना मोहल्ल रघुबीर स्वरूप कालोनी, स्कीम नंबर पांच व छह, अर्बन एस्टेट में मरीज आ रहे है। सोमवार शाम तक जिले में 1715 कोरोना संक्रमित लोग मिल चुके हैं। इसमें से 700 मरीज अकेले जींद शहर के हैं। इसमें सबसे बड़ा आंकड़ा हुडा के सेक्टरों का है।
वर्जन
कोविड की गाइडलाइन के अनुसार शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य है। लोगों को भी इसके लिए जागरूक होनी की जरूरत है। अस्पताल के कर्मचारी भी मरीजों को शारीरिक दूरी बनाने का आह्वान करते रहते हैं, लेकिन कई बार लोग उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं।
-डा. मनजीत सिंह, सिविल सर्जन जींद